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नौसेना के डोर्नियर विमान की पोरबंदर में हुई तैनाती, पाकिस्तान से लगी समुद्री सीमा पर अब रहेगी विशेष निगरानी

जल क्षेत्र में भारतीय नौसेना को निगरानी और सुरक्षा में इससे उत्तरी अरब सागर में काफी बढ़त मिल जाएगी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 10:17 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 10:19 PM (IST)
नौसेना के डोर्नियर विमान की पोरबंदर में हुई तैनाती, पाकिस्तान से लगी समुद्री सीमा पर अब रहेगी विशेष निगरानी
नौसेना के डोर्नियर विमान की पोरबंदर में हुई तैनाती, पाकिस्तान से लगी समुद्री सीमा पर अब रहेगी विशेष निगरानी

पोरबंदर, प्रेट्र। भारतीय नौसेना ने छठे डोर्नियर विमान के स्क्वाड्रन गुजरात के पोरबंदर शहर में तैनात कर दिए गए हैं। इस बंदरगाह शहर में इनकी तैनाती का मकसद पाकिस्तान से लगी समुद्री सीमा पर निगरानी और दुरुस्त करना है। पहली खेप में मिले चार विमानों का इस्तेमाल इलेक्ट्रानिक युद्धक अभियानों, समुद्री निगरानी, खोज और बचाव कार्यो में किया जाना है। इस विमान का विशिष्ट कार्य हथियारों के संचालन स्थल तक भेदे जाने वाले लक्ष्य के समग्र आंकड़े और जानकारियां उपलब्ध कराना है।

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भारतीय नौसेना को निगरानी और सुरक्षा में मिलेगी बढ़त

नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल एमएस पवार ने शुक्रवार को कमीशन किया है। इस बहुआयामी विमान को भारतीय नौसेना की एयर स्क्वाड्रन 314 ने रैप्टर्स (शिकारी पक्षी) नाम दिया है। जल क्षेत्र में भारतीय नौसेना को निगरानी और सुरक्षा में इससे उत्तरी अरब सागर में काफी बढ़त मिल जाएगी। इस अहम क्षेत्र में तैनाती के चलते किसी भी जरूरत के वक्त सबसे पहले इसी स्क्वाड्रन की भूमिका होगी। उन्होंने बताया कि डोर्नियर विमान पिछले तीन दशकों से उनके साथ सेवारत हैं और किसी भी घातक अभियान का अहम हिस्सा बनते हैं। मुझे खुशी है कि पिछले चार सालों में गुजरात नौसैनिक क्षेत्र बहुत बदल गया है।

विमान में लगा इंजन HAL कानपुर ने बनाया

नौसेना के वक्तव्य के अनुसार आइएनएएस 314 स्क्वाड्रन के जवान बहुआयामी डोर्नियर SRMR (शार्ट रेंज मेरीटाइम रीजोनेंस) का संचालन करेंगे। वह चौथी पीढ़ी के इस विमान को उड़ाने वाली पहली स्क्वाड्रन है। इस विमान में लगा ट्विन टर्बोप्रॉप इंजन हिंदुस्तान एयरोनाटिकल्स लिमिटेड (HAL) कानपुर ने बनाया है। डोर्नियर ऑपरेटिंग रेंज 1,111 किमी है और इसके संचालन की लागत बेहद कम है।

विमान को किया गया अपग्रेड

'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट के तहत इस विमान को अपग्रेड कर और घातक व आक्रामक बनाया गया है। एचएएल के जरिए नौसेना को कुल 12 नए डोर्नियर विमान हासिल हो रहे हैं। इस विमान में स्टेट ऑफ द आर्ट सेंसर लगे हैं। इसमें कांच का कॉकपिट है और 360 डिग्री वाले एडवांस निगरानी रडार भी लगे हुए हैं। इसमें ऑप्टिकल सेंसर और नेटवर्किग के फीचर भी हैं। स्क्वाड्रन को पहली बार में अगली पीढ़ी के चार विमान मिल रहे हैं जिसे नई तकनीकों से लैस किया गया है।

इन विमानों को इस तरह तैयार किया गया है कि वह एक शिकारी बाज की तरह आसमान से अथाह समुद्र पर पैनी नजर रख सके। विमान के मजबूत डैने और पंजे की मजबूत पकड़ इसे शिकारी पक्षी के गुणों वाला बनाती है। नौसेना को मिलने वाले डोर्नियर विमानों की यह छठी स्क्वाड्रन है।


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