Move to Jagran APP

फ्रांस के साथ हिंद महासागर में युद्धाभ्यास, अमेरिका के साथ भारत की तैयारी

भारत ने जहां फ्रांस के साथ हिंद महासागर में नौ सैनिक अभ्यास कर रहा है वही अमेरिका के साथ समूचे सामुद्रिक सुरक्षा पर बातचीत की गई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 02 May 2018 09:58 PM (IST)Updated: Wed, 02 May 2018 09:58 PM (IST)
फ्रांस के साथ हिंद महासागर में युद्धाभ्यास, अमेरिका के साथ भारत की तैयारी
फ्रांस के साथ हिंद महासागर में युद्धाभ्यास, अमेरिका के साथ भारत की तैयारी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन के साथ भले ही रिश्तों को सुधारने के लिए भारत ने भले ही बेहद गंभीरता से कोशिश शुरु कर दी हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अपनी रणनीतिक तैयारियों में कोई कसर छोड़ रहा हो। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बेहद अहम बैठक करने के कुछ ही दिनों बाद भारत ने जहां फ्रांस के साथ हिंद महासागर में नौ सैनिक अभ्यास कर रहा है वही अमेरिका के साथ समूचे सामुद्रिक सुरक्षा पर बातचीत की गई है। अमेरिका के साथ होने वाली यह बातचीत तब हुई है जब दोनों देश जापान के साथ मिल कर संयुक्त नौ सेना अभ्यास की तैयारियों में भी जुटे हैं।

loksabha election banner

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में पुरजोर तरीके से चल रही है भारत की तैयारी

फ्रांस के साथ हिंद महासागर में नौ सैनिक अभ्यास जारी

अमेरिका से साथ सामुद्रिक सुरक्षा पर अहम बातचीत संपन्न

भारत और फ्रांस की नौ सेनाओं के बीच वरुण सैन्य अभ्यास होता है जो इस बार 1 मई से 7 मई के दौरान हिंद महासागर के रियूनियन द्वीप के पास हो रहा है। इस युद्धाभ्यास के बारे में फ्रांस के राजदूत अलेक्जेंदर जेगलर का कहना है कि, 'इससे पता चलता है कि दोनो देश इस क्षेत्र में सामुद्रिक सुरक्षा को कितना महत्व देते हैं।' इस द्वीप में साढ़े लाख फ्रांसीसी नागरिक रहते हैं।

मार्च, 2018 में जब फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रा भारत आये थे तब उनकी हिंद महासागर में सैन्य सहयोग बढ़ाने को लेकर शीर्षस्तरीय वार्ता हुई थी। फ्रांस भारत के साथ नौ सेना सहयोग को और प्रगाढ़ करना चाहता है। भारत की तरह फ्रांस भी हिंद महासागर में चीन के बढ़ते कदम को लेकर चिंतित है। मैक्रा और भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के बीच यह सहमति बनी थी कि दोनो देश हिंद महासागर में एक संयुक्त रणनीति बनाएंगे।

उधर, भारत और अमेरिका के बीच सामुद्रिक सुरक्षा वार्ता दो दिनों तक गोवा में चली है जो 01 मई, 2018 को संपन्न हुई है। इसमें दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया है। वार्ता में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में हाल के दिनों में हुई तमाम घटनाक्रम की समीक्षा की गई है और आगे किस तरह से द्विपक्षीय सामुद्रिक सहयोग को प्रगाढ़ किया जाए इस पर भी विमर्श हुआ है।

सामुद्रिक सुरक्षा पर दोनों देशों के बीच विशेष वार्ता का दौर वर्ष 2016 में ही शुरु हुआ है। गोवा में हुई वार्ता इस तीसरी बैठक थी। दोनो देश हिंद व प्रशांत महासागर क्षेत्र में आपसी सहयोग प्रगाढ़ करने को अभी सर्वोच्च वरीयता दे रहे है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.