Move to Jagran APP

Cyber crime: साइबर ठगों के खिलाफ देशव्यापी अभियान, आठ गिरफ्तार, 300 से ज्यादा फोन जब्त, 100 बैंक खाते सीज

साइबर ठगों के इस गिरोह का चीनी कंपनी जियोमी के मोबाइल फोन के प्रति प्रेम रहस्य बना हुआ है और इस बारे उनसे पूछताछ की जा रही है। दरअसल ताजा मामले में भी गिरोह ने ठगी के पैसे से जियोमी के 33 नए मोबाइल फोन खरीदे थे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 15 Jun 2021 09:25 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 12:51 AM (IST)
Cyber crime: साइबर ठगों के खिलाफ देशव्यापी अभियान, आठ गिरफ्तार, 300 से ज्यादा फोन जब्त, 100 बैंक खाते सीज
18 राज्यों में फैला था गिरोह का जाल, 300 से ज्यादा फोन जब्त, 100 बैंक खाते सीज

नीलू रंजन, नई दिल्ली। साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ केंद्र सरकार ने देशव्यापी अभियान छेड़ा है। अपने तरह के इस पहले अभियान में 18 राज्यों में सक्रिय साइबर ठगों के बड़े गिरोहों का पर्दाफाश हुआ है। गृह मंत्रालय की साइबर सुरक्षा इकाई के साथ मिलकर कई राज्यों की पुलिस, फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी) कंपनियों और जांच एजेंसियों ने 350 आरोपियों की पहचान की है, जिनमें से आठ को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। उनके पास से 333 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं और 100 बैंक खाते भी सीज किए गए हैं। संदेह के आधार पर 900 मोबाइल फोन, 1,000 बैंक अकाउंट और सैंकड़ों यूपीआइ और ई-कामर्स आइडी की भी जांच की जा रही है।

loksabha election banner

कई राज्यों में फैले गिरोह के सदस्य अलग-अलग भूमिका निभाते थे

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि साइबर ठगों का यह गिरोह आपसी तालमेल से लोगों को शिकार बनाता था। विभिन्न राज्यों में फैले गिरोह के सदस्य अलग-अलग भूमिका निभाते थे, जिससे किसी एक राज्य की पुलिस के लिए पूरी साजिश का पर्दाफाश करना मुश्किल हो जाता था।

गिरोह के सदस्यों के काम अलग-अलग बंटे थे, हर सदस्य अपने काम में मास्टर था

अधिकारी के मुताबिक गिरोह के सदस्यों के बीच ओटीपी फ्राड, क्रेडिट कार्ड फ्राड, ई-कामर्स फ्राड, फर्जी पहचान पत्र बनाने, फर्जी मोबाइल नंबर हासिल करने, फर्जी पता तैयार करने, मनी लांर्ड्रिंग और चोरी के सामान की खरीद-बिक्री जैसे काम बंटे हुए थे।

11 जून को साइबरसेफ पर मिली शिकायत

फोन से ठगी के ऐसे ही एक मामले की जानकारी 11 जून को साइबरसेफ बेवसाइट पर मिली और उसके चार दिन के भीतर गिरोह का पर्दाफाश कर दिया गया। दरअसल, राजस्थान के उदयपुर निवासी 78 साल के एक व्यक्ति ने साइबरसेफ पर 6.5 लाख रुपये की ठगी की शिकायत की। कुछ देर में ही पता चल गया कि उनके खाते से उड़ाए गए पैसे भारतीय स्टेट बैंक के तीन कार्ड में जमा किए गए हैं, जिनसे फ्लिपकार्ट पर जियोमी कंपनी के 33 मंहगे मोबाइल फोन खरीदे गए हैं। चंद मिनट में ही पता चल गया कि ये मोबाइल फोन मध्य प्रदेश के बालाघाट में डिलिवर किए गए हैं। बालाघाट के एसपी ने इस सूचना के आधार पर तत्काल न सिर्फ आरोपी हुकुम सिंह बिसेन को हिरासत में ले लिया बल्कि उसके पास से सभी 33 मोबाइल फोन भी बरामद कर लिए।

झारखंड के बुजुर्ग को फोन कर 6.5 लाख की ठगी की गई और मध्यप्रदेश में उस पैसे 33 मोबाइल खरीदे

दूसरी ओर झारखंड के देवघर से उदयपुर के बुजुर्ग को फोन करने वाले संजय महतो को वहां की पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके बाद देश में फैले इस गिरोह के सदस्यों की पड़ताल शुरू हुई और अभी तक मध्य प्रदेश से हुकुम सिंह बिसेन समेत दो लोगों और झारखंड से संजय महतो समेत चार लोगों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश से दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं 350 लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है।

गिरोह का जियोमी प्रेम बना रहस्य

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि साइबर ठगों के इस गिरोह का चीनी कंपनी जियोमी के मोबाइल फोन के प्रति प्रेम रहस्य बना हुआ है और इस बारे उनसे पूछताछ की जा रही है। दरअसल ताजा मामले में भी गिरोह ने ठगी के पैसे से जियोमी के 33 नए मोबाइल फोन खरीदे थे।

300 से ज्यादा फोन जब्त

गिरोह के पास ठगी के पैसे से खरीदे गए जिन 300 मोबाइल फोन को जब्त किया गया है, वे जियोमी के ही हैं। इस गिरोह के सदस्य जियोमी के फोन ही इस्तेमाल करते हैं। आशंका इस बात की है कि कहीं जियोमी के मोबाइल में कुछ ऐसी विशेष तकनीक तो नहीं जिससे उन्हें अपनी पहचान छिपाने में मदद मिलती हो।

क्या है साइबरसेफ

साइबरसेफ एक एप है और इसी नाम से वेबसाइट भी है। इसे गृह मंत्रालय के अधीन आने वाली एफकोर्ड (एफआइसीएन कोओर्डिनेशन सेंटर) ने अगस्त 2019 में तैयार किया था। वैसे तो एफकोर्ड का मुख्य उद्देश्य नकली भारतीय करेंसी नोटों का पता लगाने और उसके खिलाफ कार्रवाई में एजेंसियों के बीच तालमेल करना था। लेकिन बाद में एफकोर्ड ने निजी एजेंसियों के साथ मिलकर साइबर ठगी के मामले की रियल टाइम जानकारी साझा करने और आरोपियों तक पहुंचने में मदद के लिए साइबरसेफ को तैयार किया।

साइबरसेफ से जुड़ी हैं 19 राज्यों की पुलिस समेत तीन हजार सुरक्षा एजेंसियां

इस समय देश के 19 राज्यों की पुलिस समेत देश की तीन हजार से अधिक सुरक्षा एजेंसियां इससे जुड़ी हैं। इसके साथ ही 18 फिनटेक कंपनियां भी इसमें शामिल हैं। साइबरसेफ में ठगी से जुड़े 65 हजार मोबाइल फोन और 55 हजार फोन नंबर का डाटा उपलब्ध है। अब साइबरसेफ को यूपीआइ डोमेन से जोड़ने के लिए नेशनल पेमेंट्स कारपोरेशन आफ इंडिया से बातचीत चल रही है। इससे जुड़ने के बाद साइबरसेफ साइबर क्राइम के खिलाफ और ज्यादा असरदार साबित हो सकता है।

अपराध पर शिकंजा

- गृह मंत्रालय की साइबर सुरक्षा इकाई ने विभिन्न राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर की धरपकड़

-18 राज्यों में फैला था गिरोह का जाल, 300 से ज्यादा फोन जब्त, 100 बैंक खाते सीज

- नौ सौ फोन, 1,000 बैंक खातों, सैंकड़ों यूपीआइ और ई-कामर्स आइडी की भी हो रही जांच

कैसे बनाते थे शिकार

- एक सदस्य किसी को फोन कर ठगी का शिकार बनाता और बाकी सदस्य उस पैसे को ठिकाने लगाते

- गिरोह के सभी सदस्य चीनी कंपनी जियोमी के मोबाइल का करते थे इस्तेमाल।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.