Move to Jagran APP

दिल्ली लाया गया अलगाववादी नेता यासीन मलिक, कोर्ट ने 22 अप्रैल तक NIA रिमांड पर भेजा

जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक को 22 अप्रैल तक के लिए एनआइए की रिमांड पर भेज दिया गया है।

By Atyagi.jimmcEdited By: Published: Wed, 10 Apr 2019 08:52 AM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 02:56 PM (IST)
दिल्ली लाया गया अलगाववादी नेता यासीन मलिक, कोर्ट ने  22 अप्रैल तक NIA रिमांड पर भेजा
दिल्ली लाया गया अलगाववादी नेता यासीन मलिक, कोर्ट ने 22 अप्रैल तक NIA रिमांड पर भेजा

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक को 22 अप्रैल तक के लिए एनआइए की रिमांड पर भेज दिया गया है। बुधवार को मलिक को दिल्ली अदालत में विशेष न्यायाधीश राकेश स्याल के सामने पेश किया गया।  

loksabha election banner

बता दें कि जब यासीन को गिरफ्तार किया गया, तब उसे जम्मू की कोट भलवाल जेल में रखा गया था। एनआइए यासीन से उनकी फंडिंग को लेकर सवाल जवाब करेगी। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जेकेएलएफ पर गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के चलते बैन लगा दिया था। 

गौरतलब है कि यासीन मलिक को मंगलवार शाम कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली की तिहाड़ जेल लाया गया है। एनआइए मलिक से उनके संगठन की फंडिंग को लेकर पूछताछ करेगी। सुरक्षा कारणों से जेल अधिकारी अभी यह नही बता रहे हैं कि यासीन को तिहाड़ के किस बैरक में रखा गया है। उसे जेल में कड़ी सुरक्षा दी गई है। सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों को इस बात की कड़ी हिदायत दी गई है कि उच्चाधिकारी की अनुमति के बिना यासीन से कोई भी व्यक्ति न मिलने पाए। 

हत्या और अपहरण का आरोप

हाल ही में सीबीआइ ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें जम्मू-कश्मीर के तीन दशक पुराने मामले में मलिक के खिलाफ केस खोलने की मांग की गई थी। फिलहाल जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।  
जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) प्रमुख पर 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी का अपहरण करने और 1990 के शुरुआती दौर में वायु सेना के चार जवानों की हत्या के आरोप है। इस मामले में हाफिज सईद का भी नाम है, इसमें  सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारूक, हिजबुल मुजाहिदीन और दुख्तारन-ए-मिलत के नाम भी शामिल है। 

पुलवामा हमले के बाद अलगाववादियो के खिलाफ सख्ती
पुलवामा हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में कड़ी कार्रवाई करते हुए अलगाववादियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए फरवरी में यासीन मलिक को गिरफ्तार किया गया था। अधिकारियों के अनुसार, एनआइए ने अलगाववादी नेताओं और आतंकी संगठनों को आर्थिक मदद देने के एक मामले में यासीन मलिक के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट लिया है। 

पुलवामाा हमले के बाद हटाई गई कई लोगों की सुरक्षा 
पुलवामा हमले के बाद सरकार ने लगभग 18 नेताओं की सुरक्षा में या तो कटौती की है या सुरक्षा हटा दी गई थी। मंगलवार को राज्य के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य के 400 से ज्याादा नेताओं की सुरक्षा फिर से बहाल कर दी है। पुलवामा हमले के बाद 900 से ज्यादा लोगों की सुरक्षा हटा दी गई थी। दरअसल ये फैसला राज्य के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम के इस विवादित फैसले पर कई राजनीतिक दलों ने विरोध जताया था। इसपर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने गृह मंत्रालय के इस फैसले पर एतराज भी जताया था। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.