NGT ने की गंगा में प्रदूषण के मसले पर NMCG की खिंचाई, कहा- अर्थपूर्ण कार्रवाई नहीं दिखती
एनजीटी ने गंगा एवं दूसरी जल इकाइयों में प्रदूषक तत्वों का उत्सर्जन रोकने में विफल रहने पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की खिंचाई की। जानें राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने क्या कहा...
नई दिल्ली, पीटीआइ। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal, NGT) ने सोमवार को गंगा एवं दूसरी जल इकाइयों में प्रदूषक तत्वों का उत्सर्जन रोकने में विफल रहने पर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Mission for Clean Ganga, NMCG) की खिंचाई की। एनजीटी ने कहा कि एनएमसीजी की रिपोर्ट में कोई अर्थपूर्ण कार्रवाई नहीं दिखाई देती।
एनजीटी ने कहा कि एनएमसीजी की रिपोर्ट में शायद ही इस बात का उल्लेख मिलता है कि जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों ने कोई बैठक की हो या फील्ड का दौरा किया हो। उसने कहा कि रिपोर्ट में कानून के क्रियान्वयन का भी कहीं उल्लेख नहीं मिलता। न ही नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई की बात दिखाई देती है। एनजीटी ने कहा कि क्रियान्वयन की समय-सीमा अनिश्चित रूप से लंबी है जो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना और समस्या की मुख्य जड़ है।
एनजीटी चेयरमैन जस्टिस एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'जल कानून को 46 साल पहले लागू किया गया था और निगरानी तथा क्रियान्वयन करने वाली संस्थाओं की अनदेखी के कारण अब भी प्रदूषक तत्वों का जल इकायों में निस्तारण जारी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने व एनजीटी द्वारा प्रदूषण फैलाने वालों से जुर्माना वसूली के आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा है।'
एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व जल शक्ति मंत्रालय सचिव को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि जल निकायों में प्रदूषण का निस्तारण नहीं हो। अगर कोई व्यक्ति या संस्था ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। एनजीटी ने नदियों में प्रदूषण के संदर्भ में एनएमसीजी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर गौर करते हुए ये टिप्पणियां कीं।
वहीं एनजीटी ने यूपी के सहारनपुर जिले में लॉकडाउन के दौरान नियमों का उल्लंघन कर रेत खनन होने के आरोपों से जुड़ी याचिका पर गठित समिति से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने सहारनपुर के जिलाधिकारी और राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण के सदस्य पर आधारित समिति से मामले में 15 जुलाई से पहले रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए।