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साल 2020 में राष्ट्रीय महिला आयोग को महिलाओं के खिलाफ हिंसा की मिलीं सर्वाधिक शिकायतें

राष्ट्रीय महिला आयोग को वर्ष 2020 में पिछले छह सालों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की सबसे अधिक शिकायतें मिलीं। आंकड़ों के अनुसार 23722 शिकायतों में से करीब एक-चौथाई घरेलू हिंसा के मामलों की हैं। सर्वाधिक शिकायतें उत्तर प्रदेश से आई हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 03 Jan 2021 06:03 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 12:57 AM (IST)
साल 2020 में राष्ट्रीय महिला आयोग को महिलाओं के खिलाफ हिंसा की मिलीं सर्वाधिक शिकायतें
राष्ट्रीय महिला आयोग को वर्ष 2020 में पिछले छह सालों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की सबसे अधिक शिकायतें मिलीं।

नई दिल्ली, पीटीआइ। साल 2020 कोरोना महामारी का वह गहरा घाव दे गया जिससे अभी भी दुनिया उबर नहीं पाई है। बीते साल में लोग लॉकडाउन जैसी पाबंदियों से जूझते रहे। इस दौरान बच्‍चे और महिलाओं को काफी परेशानियां हुईं। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के हवाले से घरेलू हिंसा को लेकर सनसनीखेज जानकारी दी है। रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय महिला आयोग को वर्ष 2020 में पिछले छह सालों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की सबसे अधिक शिकायतें मिलीं।

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एनसीडब्ल्यू के आंकड़ों के अनुसार, 23,722 शिकायतों में से करीब एक-चौथाई घरेलू हिंसा के मामलों की हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के मुताबिक सर्वाधिक शिकायतें उत्तर प्रदेश से आई हैं। उत्तर प्रदेश में 11,872, दिल्ली में 2,635, हरियाणा में 1266 और महाराष्ट्र में 1188 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से कुल 5,294 शिकायतें घरेलू हिंसा के हैं। 23,722 शिकायतों में से 7708 शिकायतें गरिमा के साथ जीवन के अधिकार के तहत की गई हैं।

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बताया कि आर्थिक असुरक्षा, तनाव के बढ़ते स्तर, चिंता, वित्तीय परेशानियां और परिवार से कोई भावनात्मक सहयोग नहीं मिलने के चलते वर्ष 2020 में घरेलू हिंसा के मामले बढ़ गए हैं। उन्होंने बताया कि दंपती के लिए आजकल घर ही दफ्तर भी बन गया है। बच्चों के भी स्कूल और कालेज घर से ही खुल गए हैं। ऐसी सूरत में एक ही समय में महिलाएं घर और दफ्तर साथ-साथ संभाल रही हैं। इसीलिए छह सालों में सर्वाधिक शिकायतें पिछले साल ही दर्ज की गई हैं। इससे पहले वर्ष 2014 में 33,906 शिकायतें दर्ज की गईं थीं।

बीते दिनों देश के 22 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में हुए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) की रिपोर्ट आई थी। इसमें कहा गया था कि पांच राज्यों की 30 फीसद से अधिक महिलाएं अपने पति द्वारा शारीरिक एवं यौन हिंसा की शिकार हुई हैं। सर्वे में महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामलों में सबसे बुरा हाल कर्नाटक, असम, मिजोरम, तेलंगाना और बिहार में पाया गया था। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वेक्षण में 6.1 लाख घरों को शामिल किया गया था। 


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