Move to Jagran APP

दिल्ली: छात्रों के बीच छा गए मोदी

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में नए रंग में नजर आए। शरीर और वाणी दोनों से भगवा रंग गायब थे। प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर उनके नाम को लेकर चल रही चर्चाओं का ही असर था कि उन्होंने गुजरात की तारीफ के साथ राष्ट्रीय स्तर के मसलों को उठाया। दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कामर्स में युवाओं से रूबरू नरेंद्र मोदी ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के कारण ही देश का बेड़ा गर्क हो रहा है। मोदी ने अपने सीधे संव

By Edited By: Published: Wed, 06 Feb 2013 08:51 AM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2013 12:38 PM (IST)
दिल्ली: छात्रों के बीच छा गए मोदी

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में नए रंग में नजर आए। शरीर और वाणी दोनों से भगवा रंग गायब थे। प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर उनके नाम को लेकर चल रही चर्चाओं का ही असर था कि उन्होंने गुजरात की तारीफ के साथ राष्ट्रीय स्तर के मसलों को उठाया। दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कामर्स में युवाओं से रूबरू नरेंद्र मोदी ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के कारण ही देश का बेड़ा गर्क हो रहा है। मोदी ने अपने सीधे संवाद की शुरुआत ही देश में सुशासन की कमी के कारण निराशा के माहौल से की। हालांकि उम्मीदों, सपनों और गुजरात में अपनी सफलता की नजीरों के साथ मोदी ने कहा कि देश इसी व्यवस्था के बीच बदल सकता है। बस जरूरत है 'नजरिया' बदलने की।

loksabha election banner

देश के नामी श्रीराम कॉलेज ऑफ कामर्स के वार्षिक व्याख्यान के मंच से देश के युवाओं को दिए संदेश में मोदी ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति ने बहुत नुकसान किया है। कॉलेज के बाहर वामपंथी छात्र संगठनों के भारी विरोध प्रदर्शनों से बेअसर मोदी ने कहा कि देश में जरूरत है विकास से जुड़ी राजनीति की। दिल्ली में कानून व्यवस्था, देश में युवाओं के बीच आक्रोश और निराशा के माहौल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसी व्यवस्था और इसी संविधान से सफलता की इबारत लिखी जा सकती है। इसके लिए गुजरात का उदाहरण सबके सामने हैं।

हिंदी में दिए अपने 58 मिनट के भाषण में मोदी ने कॉमनवेल्थ खेलों के आयोजन की जरूरत से लेकर युवाओं पर नजरिये को लेकर कई बार कांग्रेस पर कटाक्ष भी किए। मोदी ने कहा कि कुछ राजनीतिक दल युवाओं को केवल 'नई उम्र का वोटर' मानते हैं। उन्होंने कहा कि समाज का एक तबका और खास तौर पर राजनीतिक वर्ग युवाओं को केवल नए वोटर के तौर पर देखता है। यह सोच गलत है। युवाओं को नए युग की ताकत मानने से बदलाव होगा।

अगले लोकसभा चुनावों के लिए अपनी 'पैकेजिंग' और 'ब्रांडिंग' में जुटे मोदी ने इन्हीं जुमलों और जुबान के साथ युवाओं को रिझाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि गुजरात भारत के अंदर है, अगर गुजरात विकास कर सकता है तो पूरे देश का उसी तर्ज पर विकास हो सकता है। केवल इच्छाशक्ति दिखानी होगी। ज्यों ही उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में भारत की छवि नेताओं ने नहीं, युवाओं ने बदली है तो पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश की 60 फीसद आबादी युवा है। हमें इनके लिए काम के अवसर ढूंढ़ने होंगे। नए आयामों की खोज करने की जरूरत है। इन्हीं युवाओं को देखकर मैं आशावान हूं कि इस संविधान और कानून के बूते हम एक दिन सब कुछ पलट सकते हैं। मोदी ने युवाओं से कहा कि अगर पूरा मुल्क ठान ले तो हम दुनिया को अपना बाजार बना सकते हैं।

भारत को नया ब्रांड बना सकते हैं। इस कड़ी में उन्होंने गुजरात में शिक्षण प्रशिक्षण, रक्षा, फोरेंसिक जैसे विषयों पर विश्वविद्यालयों की स्थापना जैसे प्रयासों को गिनाया।

महत्वपूर्ण है कि श्रीराम कॉलेज द्वारा आयोजित बिजनेस कांक्लेव में वार्षिक व्याख्यान देने आए मोदी को छात्रों ने ऑनलाइन पोल के जरिये चुना था। मोदी के भाषण को सुनने के लिए 1800 से ज्यादा छात्र आए थे। हालांकि वामपंथी छात्र संगठनों ने गुजरात दंगों का हवाला देते हुए उनके भाषण का जमकर विरोध किया। छात्र संगठनों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा।

गुजरात का गुणगान

सुशासन के मामले में गुजरात देश से कहीं आगे है।

आज देश की हर चाय में गुजरात का दूध है।

गुजरात कपास का रिकॉर्ड उत्पादन करता है।

देश में कृषि विकास दर दो फीसद, गुजरात में 10 फीसद।

छात्रों ने मोदी को माना मैनेजमेंट गुरु

नई दिल्ली। नो.नो कंटीन्यू..। दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के खचाखच भरे ऑडिटोरियम में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषण समाप्त करने की इजाजत चाही तो युवाओं का यही जवाब गूंजा। करीब एक घंटे के भाषण में 62 वर्ष के नरेंद्र मोदी और उनसे करीब एक तिहाई उम्र के युवाओं के बीच एक ऐसा जुड़ाव दिखा कि व्याख्यान खत्म होने के बाद काफी देर केवल तालियों की गड़गड़ाहट ही गूंजती रही। युवाओं ने कहा 'मोदी किसी मैनेजमेंट गुरु से कम नहीं।'

हर साल औसतन 90 प्रतिशत अंकों पर दाखिला बंद कर देने वाले देश के इस नामी कॉलेज के युवाओं से मिलने मोदी भी पूरी तैयारी से आए थे। मोदी ने अपनी भाषा को युवाओं को पसंद आना वाली रंगत दी, जिसमें प्रो पीपल और गुड गवर्नेस के लिए पी2-जी2 जैसे जुमले थे। अर्थव्यवस्था और कारोबार की बारीकियां पढ़ रहे युवाओं के आगे मोदी ने बाजार की जरूरतों को 'स्पीड-स्केल-स्किल' की आवश्यकता के साथ ढाल कर परोसा। वहीं कपास की खेती के लिए 'फाइव-एफ' यानी फार्म [खेत], फाइबर [धागा], फैब्रिक [कपड़ा] फैशन और फॉरेन [विदेश] तक के बिजनेस मॉडल को समझाया।

मोदी ने छात्रों को गूगल गुरु का शिष्य बताया तो युवा चेहरों पर मुस्कान आ गई। वहीं जब भाषण के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं कोई टीचर नहीं इसलिए 45 मिनट की प्रोग्रामिंग में नहीं बंध सकता, तो छात्रों की हंसी छूट गई। ज्यों ही मोदी ने कहा कि दुनिया में कभी स्नेक चार्मर [सपेरों का मुल्क] की छवि वाला भारत 'माउस चार्मर' [कंप्यूटर माउस के जरिये दुनिया में सूचना क्रांति नियंत्रित करने वाला देश] बन गया है तो सभागार ठहाकों से गूंज गया।

गुजरात में सफलता के नमूनों के साथ अपनी सोच पिरोकर पेश करने की कोशिश के साथ मोदी ने बहुत करीने से गढ़े अपने भाषण में उन सारी बातों को तवज्जो देने का प्रयास किया जो युवाओं के बीच अक्सर व्यवस्था को लेकर होती हैं। उन्होंने दो-टूक कहा, मेरी सोच है 'मिनिमम गर्वनमेंट, मैक्सिमम गवर्नेस'। 58 मिनट और 15 सेकंड का उनका भाषण जब खत्म हुआ तो युवा विद्यार्थी काफी देर खड़े होकर तालियां बजाते रहे।

कॉलेज में इकोनॉमिक ऑनर्स की छात्रा नेहा ने कहा कि हमें ऐसा लग रहा था कि कोई मैनेजमेंट गुरु संबोधित कर रहे हों। मोदी का असर साफ नजर आ रहा था। आलम यह था कि कार्यक्रम के समापन के बाद मोदी ने सभागार का एक चक्कर लगाया तो युवाओं में उनसे हाथ मिलाने और उनकी तस्वीरों को मोबाइल में कैद करने की होड़ थी। छात्रों ने भी बेबाकी से माना कि आम तौर पर राजनेताओं और राजनीति से दूरी रखने वाली उनकी बिरादरी को भी मोदी के संवाद ने नजरिया बदलने पर मजबूर किया है।

कांग्रेस को नहीं भाया संबोधन

नरेंद्र मोदी का संबोधन कांग्रेस को नहीं भाया। गुजरात दंगे का जिक्र न करने पर सवाल खड़े करते हुए सूचना व प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि मोदी का भाषण लोगों को गुमराह करने का प्रयास था। मनीष तिवारी ने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री ने गुजरात के विकास मॉडल का उदाहरण देते वक्त पी2 और जी2 के घिसे-पिटे संदर्भ दिए। पी2 के आधार पर उन्होंने बिना किसी उपलब्धि के खुद की पीठ थपथपाई। जबकि जी2 का मतलब वैश्रि्वक है। मुझे आश्चर्य है कि गुजरात के मुख्यमंत्री ने अपने पूरे भाषण में गुजरात में नरसंहार की कोई चर्चा नहीं की, जो राज्य की छवि पर एक धब्बा है।

बाहर भी खड़े थे कद्रदान

नई दिल्ली। श्रीराम कॉलेज आफ कामर्स [एसआरसीसी] के बिजनेस कांक्लेव में व्याख्यान देने पहुंचे नरेंद्र मोदी का जादू कुछ घंटों तक दिल्ली विश्वविद्यालय के पूरे नार्थ कैंपस में दिखाई देता रहा। सुरक्षा कारणों से अन्य कॉलेज के जो छात्र एसआरसीसी के भीतर प्रवेश नहीं कर पाए वे बाहर खड़े होकर मोदी की एक झलक पाने का इंतजार कर रहे थे।

एसआरसीसी के गेट के बाहर नरेंद्र मोदी समर्थकों और विरोधियों के अलावा छात्रों का एक बड़ा तबका कॉलेज के अपने दोस्तों से वहां का आंखों देखा हाल सुनने पहुंचा था। भारी पुलिस इंतजामों और छात्रों की भीड़ के कारण प्रबंधन को कार्यक्रम के एक घंटा पहले यानी दोपहर 3:00 बजे ही कॉलेज में प्रवेश बंद करना पड़ा। 3:52 बजे मोदी का काफिला रिंग रोड से खालसा कॉलेज होते हुए एसआरसीसी के लिए आते हुए जैसे ही दिखाई दिया। गेट के बाहर भारी तादाद में खड़े छात्रों ने मानव श्रृंखला बना ली और इसी से होकर मोदी का काफिला कॉलेज के भीतर दाखिल हुआ। इस दौरान छात्र मोदी के समर्थन में नारेबाजी करते रहे। व्याख्यान देने के बाद शाम 5:22 बजे छात्रों ने फिर से मानव श्रृंखला बनाकर मोदी के काफिले को विदा किया।

------------

आइसा ने दिखाए काले झंडे

नरेंद्र मोदी जब एसआरसीसी पहुंचे तो उन्हें विरोध भी झेलने पड़ा। वामपंथी छात्र संगठन आइसा के कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाने के साथ मोदी विरोधी नारे भी लगाए। आइसा प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस को पानी की बौछारों तथा लाठीचार्ज का सहारा भी लेना पड़ा जिसमें तीन छात्रों को चोटें आई हैं।

गुजरात के मुद्दों पर पीएम से मिले मोदी

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। प्रधानमंत्री पद की अपनी उम्मीदवारी पर मचे घमासान के बीच दिल्ली पहुंचे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की। मोदी के मुताबिक मुलाकात का सबब गैस मूल्यों पर मतभेदों को लेकर बातचीत व राज्य सरकार की विकास परियोजनाओं पर चर्चा था। गुजरात में जीत की हैट्रिक लगाने के बाद पहली बार 7 रेसकोर्स रोड पहुंचे मोदी प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर उठे सभी सवालों को टाल गए।

प्रधानमंत्री कार्यालय सूत्रों के अनुसार मनमोहन और मोदी के बीच करीब 15 मिनट की यह सीधी मुलाकात थी, जिसमें अधिकारी मौजूद नहीं थे। मुलाकात के बाद मीडिया से रूबरू मोदी ने कहा कि राज्य के मुद्दों पर उनकी और प्रधानमंत्री की चर्चा काफी सकारात्मक रही। मोदी के मुताबिक पीएम ने गैस मूल्यों पर राज्य की ओर से उठाए गए मुद्दों पर गौर करने का आश्वासन दिया।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार चाहती है कि अहमदाबाद व राज्य के अन्य शहरों में दिल्ली व मुंबई की तर्ज पर प्रशासित मूल्य व्यवस्था के तहत सस्ती गैस उपलब्ध कराई जाए। राज्य सरकार इसके लिए दिल्ली व मुंबई की तरह अहमदाबाद में भी ऊंचे प्रदूषण स्तर की दुहाई दे रही है।

मोदी ने मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें सरदार सरोवर परियोजना व नर्मदा से जुड़ी अन्य योजनाओं का भी उल्लेख है। मुख्यमंत्री के अनुसार प्रधानमंत्री ने राज्य की जनहित से जुड़ी विकास परियोजनाओं में पूरी मदद देने का भरोसा दिया। प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी पर बार-बार पूछे सवालों पर मोदी ने इतना ही कहा कि 'मित्रों आप लोगों से मिलकर अच्छा लगा।'

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.