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कृषि सुधार को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिलते ही किसानों के साथ मिलकर नैफेड खोलेगा सौ निजी मंडियां

नैफेड-किसान मंडियों में न आढ़तियों का गैर-वाजिब हस्तक्षेप होगा और न ही मंडी समिति की तर्ज पर अनावश्यक प्रतिबंध। किसानों और उपभोक्ताओं के बीच के बिचौलियों को कम करने में मदद मिलेगी। इस तरह की मंडियों की पूरे देश में स्थापना करने की योजना है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 08:20 PM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 08:20 PM (IST)
कृषि सुधार को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिलते ही किसानों के साथ मिलकर नैफेड खोलेगा सौ निजी मंडियां
सुप्रीम कोर्ट में विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पेश होने के साथ ही बंधी उम्मीदें।

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। कृषि सुधार को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिलते ही किसानों के साथ मिलकर नैफेड देश के विभिन्न हिस्सों में कृषि उपज मंडियां खोलेगा। पहले चरण में आधा दर्जन मंडियां पहले ही खुल चुकी है, जबकि सौ अन्य मंडियों के खोले जाने का प्रस्ताव तैयार है। सुप्रीम कोर्ट की गठित विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पेश होने के बाद कोर्ट की अगली सुनवाई का बेसब्री से इंतजार है। कोर्ट के रुख के बाद ही इन मंडियों में कारोबार रफ्तार पकड़ पाएगा।

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सरकारी मंडियों और निजी क्षेत्र की मंडियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होनी तय

नए कृषि कानूनों के अस्तित्व में आने के साथ ही निजी क्षेत्र की मंडियों के लिए निवेशक आगे आने लगे। राज्यों में पहले से चल रहीं मंडियों और निजी क्षेत्र की मंडियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होनी तय है, जिसका लाभ किसान उठा सकता है। कृषि सुधारों के विरुद्ध किसान संगठनों ने दिल्ली की सीमा पर चार महीने से आंदोलन चला रखा है। मामला सुप्रीम कोर्ट में भी विचाराधीन है। कोर्ट ने जनवरी 2021 में सुनवाई के दौरान कृषि सुधारों से संबंधित तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है। इसके बाद से निजी मंडी खोलने का काम ठप हो गया है।

नैफेड ने एफपीओ के साथ मिलकर कृषि क्षेत्र में की बड़ी पहल

कृषि सुधारों के बाद इस क्षेत्र में बड़ी पहल केंद्रीय सहकारी एजेंसी नेशनल एग्रीकल्चरल कोआपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (नैफेड) ने एफपीओ के साथ मिलकर की है। एजेंसी के प्रबंध निदेशक संजीव चड्ढा ने बताया 'नैफेड ई-किसान मंडियां (एनईकेएम) धड़ल्ले से काम कर रही हैं, जिसके लिए पहले से ही अनुमति ली जा चुकी है। इलेक्ट्रानिक प्लेटफार्म के लिए डिजिटल के साथ फिजिकल ढांचागत तैयारियां की गई हैं।'

किसानों के साथ मिलकर नैफेड खोलेगा कृषि उपज मंडी

किसान संगठनों के साथ सहकारी संस्था ने पहले चरण में ही पांच महाराष्ट्र और एक-एक मंडी गुजरात व मध्य प्रदेश में खोल दी है। इनमें महाराष्ट्र की वाशी, धोलबारे, गुलटेकदी व कचरोड प्रमुख है, जबकि मध्य प्रदेश में कचरोड और गुजरात की मोरबी नैफेड-किसान मंडी खुल गई है। इसके अलावा सौ से अधिक और मंडियां खोलने का प्रस्ताव है। प्रारंभिक तौर पर यह अनूठा प्रयोग बहुत सफल साबित हो रहा है। इन निजी मंडियों की वास्तविक मालिक स्वयं किसान संगठन हैं, जिनका संचालन उन्हीं की समिति करती है।

कृषि कानूनों के अमल पर लगी रोक के चलते  नैफेड-किसान मंडी का प्रस्ताव अधर में

कृषि सुधार के कानूनों के अमल पर लगी रोक के चलते नैफेड-किसान मंडी के खोलने के प्रस्ताव अधर में हैं। विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट 19 मार्च को कोर्ट में दाखिल हो चुकी है, जिससे कृषि सुधार की उम्मीद को बल मिला है।

नैफेड-किसान मंडियों में आढ़तियों का नहीं होगा गैर-वाजिब हस्तक्षेप

नैफेड-किसान मंडियों में न आढ़तियों का गैर-वाजिब हस्तक्षेप होगा और न ही मंडी समिति की तर्ज पर अनावश्यक प्रतिबंध। किसानों और उपभोक्ताओं के बीच के बिचौलियों को कम करने में मदद मिलेगी। इस तरह की मंडियों की पूरे देश में स्थापना करने की योजना है। एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से इसके लिए तीन फीसद की रियायती दर पर वित्तीय मदद मुहैया कराई जाएगी। इन मंडियों में हर तरह की ¨जस की ढुलाई और भंडारण की पूरी सुविधा रहेगी। कृषि उत्पादों की बिक्री के लिए फिजिकल और डिजिटल प्लेटफार्म उपलब्ध रहेंगे।


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