नैफेड ने 32 लाख टन तिलहन व दलहन खरीद कर बनाया रिकार्ड, देश के 20 लाख किसानों को मिला लाभ
कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने दालों की रिकार्ड खरीद करने के लिए नैफेड के प्रबंध को सराहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दलहन व तिलहन की सरकारी खरीद में नैफेड ने शानदार प्रदर्शन किया है। चालू खरीद सीजन में इस सहकारी एजेंसी ने कुल 32 लाख टन दलहन व तिलहन खरीद कर एक रिकार्ड कायम किया है। इसका लाभ देश के 20 लाख से अधिक किसानों को मिला है। कई राज्यों में दलहन व तिलहन की खरीद जारी है। किसानों को उनकी उपज का मूल्य सीधे उनके बैंक खातों में जमा कराई जा रही है। लेकिन एजेंसी के समक्ष खरीदी गई दालों के बिक्री प्रबंधन की चुनौती भी है।
-घाटे से उबरने के बाद नैफेड ने कारोबार में किया अच्छा प्रदर्शन
- फसल वर्ष में 20 लाख से अधिक किसानों को हुआ लाभ
नेशनल एग्रीकल्चरल कोआपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन आफ इंडिया (नैफेड) सरकार के निर्देश पर दलहन का बफर स्टॉक बनाने के लिए खरीद करती है। एजेंसी ने इसके अलावा तिलहन, प्याज और अन्य नगदी फसलों की खरीद करती है। फसल वर्ष 2017-18 सीजन में कुल 31.91 लाख टन दलहन व तिलहन की खरीद कर लिया है। इसका लाभ देश के 20 लाख से अधिक किसानों को हुआ है।
नैफेड ने सरकारी खरीद का पूरा भुगतान किसानों को उनके बैंक खाते में किया है। घाटे के लंबे दौर से गुजरने के बाद सहकारी एजेंसी ने रिकार्ड मुनाफा कमाया है। पिछली सरकार के दौरान नैफेड का वित्तीय दोहन किया गया, जिससे एजेंसी भारी घाटे के दौर में चली गई थी।
अनियमितताओं और घोटालों से गुजर रही एजेंसी को मौजूदा सरकार ने वित्तीय मदद के साथ यहां पेशेवर लोगों को नियुक्त किया है। इसके चलते एजेंसी को जहां भारी मुनाफा हुआ, वहीं सरकार की मंशा के अनुरुप खरीद की गई। एजेंसी बंदी के कगार पर खड़ी थी। वित्तीय संस्थानों के कर्ज को चुकाना एजेंसी के लिए भारी पड़ने लगा था।
नैफेड ने 2011 से 2014 के बीच संप्रग सरकार के कार्यकाल में कुल आठ लाख टन दलहन व तिलहन की खरीद किया था। जबकि राजग के पिछले चार सालों के कार्यकाल में नैफेड ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 64 लाख टन दलहन व तिलहन की खरीद की है।
सरकार ने नैफेड को जीवनदान दिया है, जिसकी एवज में एजेंसी ने दलहन व तिलहन किसानों के हित संरक्षण में आगे बढ़कर एमएसपी पर खरीद की है।
एजेंसी के कारोबार को रफ्तार देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर बैंक गारंटी बढ़ाकर 42 हजार करोड़ रुपये कर दी गई, जबकि पिछली संप्रग सरकार के दौरान यह 250 करोड़ रुपये तक सीमित थी। सुधार की इस प्रक्रिया के चलते एजेंसी का कारोबार बढ़ा और उसके मुनाफे में वृद्धि हो गई।
बैंक गारंटी बढ़ने से एजेंसी को कारोबार की पूंजी के लिए किसी का मुंह नहीं ताकना पड़ा। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने दालों की रिकार्ड खरीद करने के लिए नैफेड के प्रबंध को सराहा है।