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डोभाल की कूटनीति का बड़ा कमाल, म्‍यांमार ने भारत को सौंपे 22 खूंखार आतंकी

म्यांमार सरकार (Myanmar Government) ने 22 खूखार आतंकियों को भारत सरकार को सौंपा है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इसे एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 15 May 2020 10:31 PM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 07:47 AM (IST)
डोभाल की कूटनीति का बड़ा कमाल, म्‍यांमार ने भारत को सौंपे 22 खूंखार आतंकी
डोभाल की कूटनीति का बड़ा कमाल, म्‍यांमार ने भारत को सौंपे 22 खूंखार आतंकी

नई दिल्‍ली, एएनआइ। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी कामयाबी मिली है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, म्यांमार सरकार (Myanmar Government) ने 22 आतंकियों को भारत सरकार को सौंपा है। इन आंतकियों को मणिपुर पुलिस और असम पुलिस के हवाले किया गया है। इनका संबंध, एनडीएफबी NDFB (S), यूएनएएलएफ (UNLF), पीआरईपीएके PREPAK (Pro), केवाईकेएल (KYKL), पीएलए (PLA) और केएलओ (KLO) से है। सूत्रों की मानें तो इसके पीछे एनएसए अजित डोभाल ने बड़ी भूमिका निभाई। पूरा ऑपरेशन उनकी निगरानी में संचालित हुआ बताया जा रहा है। म्यांमार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पहले भी भारत सरकार को सक्रिय सहयोग देता रहा है।  

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रिपोर्टों के मुताबिक, म्‍यांमार ने जिन 22 आतंकियों को भारत को सौंपा वे बेहद खतरनाक है और उनकी लंबे समय से तलाश थी। सभी आतंकी उक्‍त अलग अलग संगठनों के लिए काम करते थे। ये खूंखार उग्रवादी भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के बाद सीमा पार कर म्यांमार वापस चले जाते थे जिससे इन पर पकड़ मुश्किल हो जाती थी। म्यांमार की सेना ने इन आतंकियों को मुठभेड़ के दौरान पकड़ा था। इनकी वजह से मणिपुर और असम का एक बड़ा इलाका अशांत था। सूत्रों का कहना है कि आतंकियों के सौंपे जाने के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की सीधी नजर थी। 

रिपोर्टों में कहा गया है कि विशेष विमान से भारत लाए गए इन 22 उग्रवादियों को मणिपुर और असम पुलिस को सौंपा जाएगा। दावे के मुताबिक, यह पहली बार है कि म्यांमार सरकार ने भारत के अनुरोध पर पूर्वोत्तर विद्रोही समूहों के इन आतंकियों को सौंपने का काम किया है। बता दें कि साल 2018 में भारतीय सेना ने म्यांमार सेना की सहयोग से पूर्वोत्तर में एक सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था जिसमें बड़ी संख्या में उग्रवादी ढेर कर दिए गए थे। बताया जाता है कि सभी उग्रवादी भारत की ओर से सड़क निर्माण में बाधा डाल रहे थे। ये आतंकी जिन संगठनों से जुड़े हैं उनके कारण पूर्वोत्तर के ज्यादातर इलाके अशांत रहे हैं।


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