मुस्लिम देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के मुद्दे पर शीर्ष कोर्ट पहुंची मुस्लिम लीग
याचिका में कहा गया कि जब तक नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को चुनौती देने वाली उसकी लंबित याचिका का निस्तारण नहीं होता तब तक मुस्लिम देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के गृह मंत्रालय के 28 मई 2021 के आदेश पर रोक लगाई जाए।
नई दिल्ली, प्रेट्र। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आइयूएमएल) ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा तथा पंजाब के 13 जिलों में रहने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की केंद्र की अधिसूचना को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
याचिका में कहा गया कि जब तक नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को चुनौती देने वाली उसकी लंबित याचिका का निस्तारण नहीं होता तब तक मुस्लिम देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के गृह मंत्रालय के 28 मई, 2021 के आदेश पर रोक लगाई जाए।
याचिका में कहा गया है कि केंद्र ने सीएए के प्रविधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली उसकी याचिका के संबंध में शीर्ष अदालत को जो आश्वासन दिया था उसको दरकिनार करने की कोशिश की जा रही है। केंद्र ने तब आश्वासन दिया था कि संशोधन अधिनियम पर रोक लगाना आवश्यक नहीं है, क्योंकि संशोधन अधिनियम के नियम अभी नहीं तैयार किए गए हैं। याचिका में कहा गया कि केंद्र की नई अधिसूचना स्पष्ट रूप से अवैध है और अधिनियम के प्रविधान का उल्लंघन है।
मुस्लिम लीग ने कहा कि यदि केंद्र की अधिसूचना को लागू किया जाता है और व्यक्तियों को उनके धर्म के आधार पर नागरिकता दी जाती है, तो उसके बाद यदि यह कोर्ट संशोधन अधिनियम और नियमों को पलट देता है तो धर्म के आधार पर नागरिकता प्रदान करने वाला कानून शून्य घोषित हो जाएगा।