Move to Jagran APP

..तो क्या, कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे गोपीनाथ मुंडे?

मुंबई। भाजपा के दिवंगत नेता और केंद्रीय ग्रामीण मंत्री गोपीनाथ मुंडे पार्टी के अंदर संघर्ष कर रहे थे। इतना ही नहीं मुंडे पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे। भाजपा के विधान पार्षद पांडुरंग फुंडकर के इस दावेने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। इतना ही नहीं, फुंडकर ने महाराष्ट्र विधान परिषद में इस मामले की सीबीआ

By Edited By: Published: Sat, 07 Jun 2014 10:45 AM (IST)Updated: Sat, 07 Jun 2014 11:08 AM (IST)
..तो क्या, कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे गोपीनाथ मुंडे?

मुंबई। भाजपा के दिवंगत नेता और केंद्रीय ग्रामीण मंत्री गोपीनाथ मुंडे पार्टी के अंदर संघर्ष कर रहे थे। इतना ही नहीं मुंडे पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे। भाजपा के विधान पार्षद पांडुरंग फुंडकर के इस दावेने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। इतना ही नहीं, फुंडकर ने महाराष्ट्र विधान परिषद में इस मामले की सीबीआई जांच कराने की भी मांग की।

loksabha election banner

फुंडकर ने कहा कि गोपीनाथ मुंडे हर कदम पर संघर्ष कर रहे थे। एक बार वह भाजपा छोड़ने वाले थे, लेकिन मैंने इसका विरोध किया। उन्हें कई बार अपमानित होना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपनी जिंदगी पार्टी को समर्पित कर दी थी। महाराष्ट्र संसदीय मामलों के मंत्री हर्षव‌र्द्धन पाटिल द्वारा मुंडे के योगदान पर सदन में चर्चा के दौरान फुंडकर ने कहा, कांग्रेस ने उन्हें केंद्र और राज्य में मंत्री पद की पेशकश की थी।

फुंडकर ने 1974 से मुंडे से जुड़े होने की बात को याद कर भावुक होते हुए कहा, उनकी मौत को लेकर लोगों में काफी भ्रम है। इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में एक कार हादसे में गोपीनाथ मुंडे की मौत हो गई थी। उनकी कार एक गाड़ी से टकरा गई। इस टक्कर में मुंडे घायल हो गए। उन्हें तुरंत एम्स ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका।

पढ़ें : महाराष्ट्र विधानसभा ने दी गोपीनाथ मुंडे को श्रद्धांजलि


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.