केयरटेकर होने के नाम पर हड़प लिया जमीन
स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि स्कूल ने आधे एकड़ की जमीन पर मौजूद पेड़ों को काट दिया जबकि एनसीपी नेता नरेंद्र वर्मा का कहना है कि वे अतिक्रमण से जमीन को बचा रहे हैं।
मुंबई (मिड डे)। अंधेरी स्कूल अपने छात्रों को क्लासरूम के दीवारों से बाहर पर्यावरण विज्ञान पढ़ाती है, वहीं आधा एकड़ जमीन से पेड़ों को हटा कर कंक्रीट में बदल दिया है ताकि स्कूल बसों के लिए पार्किंग की जगह मिल सके। वह भी बिल्कुल वर्सोवा के हरे भरे वन के बिल्कुल दायीं ओर, जो कि अब कंक्रीट की वजह से छोटा हो सकता है।
वहां के लोकल निवासी ने यह 2004 की तस्वीर भेजी जिसमें ढेर सारे पेड़ों की हरियाली को देखा जा सकता है।
अंधेरी वेस्ट में सरदार वल्लभभाई पटेल नगर के निवासियों ने आरोप लगाया कि जानकी देवी पब्लिक स्कूल पूरी तरह से अपने कंपाउंड के पीछे की जमीन को अपने हक में ले रहा है और यहां तक कि पब्लिक को यहां आने की अनुमति नहीं दे रहा है हालांकि यह खुला एरिया है। स्कूल अधिकारियों का कहना है कि जहां तक जमीन पर अतिक्रमण की बात है तो किसी अन्य द्वारा अतिक्रमण न किया जाए इसके लिए ऐसा कर रहे हैं और उन्होंने MHADA से अनुमति ले ली है।
तालाब का अतिक्रमण कर बन रहे मकान
वहां के निवासियों का कहना है कि नजदीकी पेड़ पौधों पर भी इसकी वजह से खतरा है।
क्षेत्रीयों द्वारा 2004 की तस्वीर दी गयी जिसके अनुसार उस वक्त वहां पर काफी पेड़ थे जो अब नहीं हैं। पेड़ पौधों की जगह पर दर्जनों बसें लगी होती हैं। इस जगह को कंक्रीट में बदल देने के सवाल पर स्कूल ने कहा कि वे बस धूल से निजात पाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।
शिवकुटीर बिल्डिंग के निवासी ने कहा, ‘ एमएचडीए प्लाॅॅट में पेड़-पौधे थे जिसके केयरटेकर एनसीपी नेता नरेंद्र वर्मा हैं लेकिन पिछले 10-15 वर्षों में यह जगह साफ कर दी गयी और स्कूल बसों की पार्किंग बना दी गयी।‘
स्थानीय निवासियों का कहना है कि 2003 में स्कूल ने तो वहां एक गेट भी बना दिया ताकि लोगों को बाहर रखा जा सके। लेकिन इसके लिए शिकायत दर्ज कराने के बाद गेट को हटा दिया गया।
एक अन्य निवासी सीमा साहू का कहना है कि स्कूल के मालिक एनसीपी नेता ने केयरटेकर होने के नाम पर एमएचएडीए प्लॉट का अतिक्रमण कर लिया है। वे यहां स्थानिय निवासियों को प्रवेश नहीं करने देते और कानूनन स्कूल बसों की पार्किंग करते हैं।
दूसरी ओर एनसीपी नेता नरेंद्र वर्मा ने कहा, ‘ हमने सबसे पहले 2002 में इस जगह पर अतिक्रमण की शिकायत की थी। हम इस प्लॉट के केयरटेकर हैं क्योंकि हमारी वजह से अतिक्रमण रुका और आगे नहीं हो पाया। स्थानीय निवासियों द्वारा गलत सूचनाएं फैलायी जा रही हैं। वहां कोई सदाबहार वन नहीं था अगर ऐसा होता तो हमें केयरटेकर होने की अनुमति नहीं मिलती। हम इसपर धूल की समस्या से निजात पाने के लिए कंक्रीट का काम करवा रहे हैं।‘ इस मामले पर कमेंट के लिए एमएचएडीए अधिकारी उपलब्ध नहीं थे।
वर्सोवा पुलिस स्टेशन की सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर किरन काले ने कहा, ‘निवासियों की शिकायत के बाद, हम वहां गए लेकिन एक भी कटा हुआ पेड़ नहीं पाया। हमने एमएचडीए और कलेक्टर के कार्यालय को पत्र लिखकर प्लॉट दौरे को कहा है।‘