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IRF स्‍टाफ के बहकावे में पत्‍नी व बेटी के साथ युवक ने छोड़ा देश, ISIS से जुड़ा

इस्‍लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आइआरएफ) स्‍टाफ ने जन्‍नत देने का वादा कर ब्रेनवाश किया और अब्‍दुल ने आइएसआइएस को ज्‍वाइन करने के लिए पत्‍नी व बेटी के साथ घर छोड़ दिया।

By Monika minalEdited By: Published: Wed, 10 Aug 2016 12:22 PM (IST)Updated: Wed, 10 Aug 2016 01:29 PM (IST)
IRF स्‍टाफ के बहकावे में पत्‍नी व बेटी के साथ युवक ने छोड़ा देश, ISIS से जुड़ा

मुंबई (मिड-डे)। पत्नी व बेटी के साथ 25 वर्षीय अशफाक अब्दुल माजिद 2 जून को देश छोड़ चला गया था और आतंकी संगठन, ‘आइएसआइएस’ से जुड़ गया। माजिद के बारे में बताया गया कि इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आइआरएफ) स्टाफ, आर्शिद कुरैशी ने जन्नत देने का वादा कर उसका ब्रेनवाश किया और उसे घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया।

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आइआरएफ के खिलाफ शिकायत

अशफाक के पिता, अब्दुल माजिद अब्दुल कादर के शिकायत पर नागपाडा पुलिस स्टेशन में कुरैशी व तीन अन्य के खिलाफ 6 अगस्त को एक एफआइआर दर्ज कराया गया। इसके बाद केस को मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया।

मुंबई सेंट्रल में प्लाजा गेस्ट हाउस चलाने वाले कादर ने मिड डे को बताया कि कुरैशी ने उनके बेटे को कट्टरपंथी बना दिया। ‘उसने मेरे बेटे को कहा कि यदि वह अल्लाह के रास्ते पर चलेगा और परिवार व माता-पिता को छोड़ देगा तो उसे जन्नत मिलेगा।‘

‘आइआरएफ’ के नाम पर युवकों का ब्रेनवाश

उन्होंने बताया, कॉमर्स ग्रेजुएट, अशफाक बिजनेस में उनकी मदद करता था लेकिन अधिकतर समय वह केरल के कासारगोड में परिवार के साथ रहता था। वहां वह अब्दुल राशिद अब्दुल्ला से मिला जो वहां आइआरएफ द्वारा संचालित स्कूल का शिक्षक था।

इलेक्ट्रानिक इंजीनियर, अब्दुल्ला ने हाल में ही दुबई की अपनी नौकरी छोड़ दी थी और भारत लौटा आया था। यहां उसने 20,000 रुपये के वेतन पर पीस इंटरनेशनल स्कूल में कुरान पढ़ाना शुरू किया था। अन्य युवकों के साथ अशफाक भी रात को अब्दुल्ला की क्लास में जाता था। कादर को अब्दुल्ला की इस रात में चलाए जाने वाले क्लास पर संदेह था। उन्होंने कहा, ‘इसी अब्दुल्ला ने मेरे बेटे को कुरैशी से मिलवाया जिसने उसका ब्रेनवाश कर दिया।‘

दो साल पहले ही बदल गया था अशफाक

अशफाक के व्यवहार में हुए बदलाव को दो साल पहले ही कादर ने भांप लिया था। कादर ने बताया,’हम सुन्नी हैं लेकिन उसका झुकाव सलाफी की ओर हो रहा था। उसने दाढी रखना शुरू कर दिया था, एक दिन में पांच बार नमाज के लिए मस्जिद जाने लगा और उसके विचार भी संदिग्ध लगने लगे थे। उसके क्रियाकलाप व व्यवहार सुन्नी के खिलाफ थे और बाद में वह नमाज के लिए अलग (अहले हदीस) मस्जिद में जाने लगा।‘

अशफाक ने बताया कि वह पत्नी समशिया और 18 माह की बेटी के साथ श्रीलंका जा रहा है और ईद तक लौट आएगा। वह पहले भी श्रीलंका गया था। इसलिए हमने कोई आपत्ति नहीं की। लेकिन जब वह ईद पर नहीं लौटा तो हमने पुलिस में लापता होने की शिकायत दर्ज करायी।

अशफाक का छोटा भाई कॉलेज में है और छोटी बहन शादी के बाद दुबई में रहती है। कादर ने कहा कि वह उमरा गए थे जब अशफाक श्रीलंका जा रहा था। करीब एक माह बाद जब मैं लौटा मेरे परिजनों ने कहा कि वे श्रीलंका गए हैं।

ईद पर पता लगी सच्चाई

ईद पर अशफाक की सच्चाई का पता चला। उसके छोटे भाई को टेलीग्राम एप पर वॉयस मैसेज मिला। जिसमें उसने कहा था कि वह आइएसआइएस से जुड़ गया है और कर नहीं लौटेगा। मैसेज के अंत में उसने छोटे भाई को मां का ख्याल रखने को कहा।

अब्दुल माजिद अब्दुल कादर

मेरा बेटा क्रिमिनल नहीं है। जिन लोगों ने उसे जन्नत के नाम पर बहकाया है सजा उन्हें मिलनी चाहिए। सरकार मेरे बेटे का पता लगा कर हमें सूचित करे।

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