रुपयों के लालच में शादीशुदा ले रहे दोबारा फेरे, जानिये- क्या है मामला
मध्य प्रदेश में रुपयों के लालच में शादीशुदा जोड़े दोबारा फेरे ले रहे हैं। जुलाई से अभी तक 1158 शादियों के पंजीयन में से 517 जोड़ों के दोबारा शादी करने के मामले सामने आए हैं।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। सरकार की ओर से मिलने वाले 48 हजार रुपये पाने के चक्कर में शादीशुदा जोड़े भी फिर से फेरे ले रहे हैं। जुलाई से अब तक फर्जीवाड़ा करने के 517 जोड़े प्रकाश में आए हैं।
दरअसल, कमलनाथ सरकार के आने के बाद योजना के तहत वधू को 51 हजार रुपये नकद देने की व्यवस्था की गई है। इसमें से तीन हजार रुपये व्यवस्था के नाम पर काटे जाते हैं। बाकी बचे 48 हजार रुपये वधू के खाते में जमा कराए जाते हैं। ऐसे में रुपयों के लालच में शादीशुदा जोड़े दोबारा फेरे ले रहे हैं। जुलाई से अभी तक 1158 शादियों के पंजीयन में से 517 जोड़ों के दोबारा शादी करने के मामले सामने आए हैं।
ताजा मामला इंदौर के समीप महू के आसपास के गांवों का है। महू जनपद क्षेत्र में छह जून को यशवंत नगर व आठ जून को राजपुरा कुटी में सामूहिक विवाह के आयोजन किए गए। यशवंत नगर में 438 जोड़ों के विवाह कराए गए, जिनके आवेदनों की जांच में 110 जोड़े अपात्र निकले।
राजपुरा में हुए सामूहिक विवाह में 300 जोड़ों के विवाह कराए गए। जांच में 82 जोड़े अपात्र निकले। इससे पूर्व जुलाई माह में श्योपुर जिले में 420 जोड़ों के पंजीयन में से 325 जोड़े ऐसे थे, जो पहले से शादीशुदा थे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में पहले 21 हजार रुपये कीमत का गृहस्थी का सामान दिया जाता था। नकद राशि देने का प्रावधान नहीं था।
महू जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हेमेंद्र कुमार चौहान ने बताया कि दोनों आयोजनों में बड़ी संख्या में अपात्र जोड़े पाए गए, जिन्हें शासन की ओर से राशि नहीं दी जाएगी। संभवत: ऐसा पहली बार हुआ होगा, जब इतनी बड़ी संख्या में अपात्र जोड़े निकले।
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