Positive story: मैं रुचि, अस्पताल के कोविड रूम से, कोरोना को हराकर जल्द लौटूंगी; Video हुआ वायरल
दो दिन में हौसले से लबरेज दो वीडियो वायरल होने के बाद रुचि अब हिम्मत का दूसरा नाम बन गई हैं। उन्होंने वीडियो में बताया कि एक दिन तकनीकी कारण से अस्पताल में आक्सीजन की कमी आ गई तो कुछ देर में मेरी सांसें टूटने लगी थी।
गजेंद्र विश्वकर्मा, इंदौर। मैं 13 अप्रैल से मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित अरबिंदो अस्पताल में भर्ती हूं और कोरोना से जंग लड़ रही हूं। मां को खो चुकी हूं, पापा संक्रमित हैं और मेरे फेफड़ों में भर्ती होते समय 80 फीसदी इंफेक्शन था, मगर ये सब भी मेरी हिम्मत को नहीं तोड़ पाए हैं। मैं यहां ठानकर आई हूं कि कोरोना को हराकार वापस लौटूंगी और जल्द ही आपसे मिलूंगी। कोरोना की इतनी ताकत नहीं है कि वह मेरे हौसलों के सामने ठहर पाए। देश में कोराना वायरस के बढ़ते मामलों और ऑक्सीजन की कमी के मामलों के बीच यह खबर हिम्मत बंधाती है।
इंदौर में भर्ती कंपनी सेक्रेटरी का अस्पताल से जारी हुआ वीडियो देशभर में हुआ वायरल
यह कहना है कंपनी सेक्रेटरी रुचि खंडेलवाल का। शुक्रवार को रुचि ने इंदौर के अरबिंदो अस्पताल से वीडियो रिकार्ड कर इंटरनेट मीडिया पर डाला जो कुछ ही घंटे में देशभर में वायरल हो गया। अब हर कोई उसकी हिम्मत को सलाम कर रहा है। इससे उत्साहित रुचि ने शनिवार को दूसरा वीडियो जारी कर बताया कि 'मैं धीरे-धीरे ठीक हो रही हैं और इंफेक्शन भी 80 से कम होकर 55 फीसद के आसपास आ गया है। हालांकि अब भी आक्सीजन की काफी कमी है। आक्सीजन स्तर स्थिर होने तक मुझे यहीं रहना पड़ेगा।' रुचि ने यह भी बताया कि उनके बिस्तर के आसपास तीन-चार लोग जान गंवा चुके हैं, लेकिन उन्होंने डर को स्वयं पर हावी नहीं होने दिया।
आक्सीजन खत्म हो तो ये करें
दो दिन में हौसले से लबरेज दो वीडियो वायरल होने के बाद रुचि अब हिम्मत का दूसरा नाम बन गई हैं। उन्होंने वीडियो में बताया कि एक दिन तकनीकी कारण से अस्पताल में आक्सीजन की कमी आ गई तो कुछ देर में मेरी सांसें टूटने लगी थी। तब मैंने प्रोन वेंटिलेशन (तकिये के सहारे औंधे लेटकर गहरी सांस लेना) शुरू कर दिया। काफी देर तक बिस्तर पर उल्टे लेटकर गहरी सांस लेने से शरीर को काफी मात्रा में आक्सीजन मिली। इससे मुझे काफी राहत मिली और शरीर को नुकसान होने से बच गया। इसके बाद सोचा यह तरीका सबको बताना चाहिए।
वीडियो में इसकी पूरी प्रक्रिया करके दिखाई। अब भी बाथरूम जाते समय व खाना खाते समय कई बार सांस अटकने लगती है। प्रोन वेंटिलेशन से इसे नियंत्रित करती रहती हूं। जिन लोगों को आक्सीजन की जरूरत है, लेकिन कुछ समय के लिए नहीं मिल पा रही है, तो वे प्रोन वेंटिलेशन अपना सकते हैं। अचानक आक्सीजन खत्म हो जाने पर भी यह प्रयोग किया जा सकता है।'