Move to Jagran APP

MP Politics: सिंधिया के खास तुलसी सिलावट के खिलाफ कांग्रेस की रणनीति, भाजपा नेता प्रेमचंद गुड्डू को मैदान में उतारने की तैयारी

ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे विश्वासपात्र मंत्री तुलसीराम सिलावट के सामने कांग्रेस पुराने कांग्रेसी और वर्तमान में भाजपा से जुड़े प्रेमचंद गुड्डू को मैदान में उतार सकती है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 28 Apr 2020 09:31 PM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2020 06:57 AM (IST)
MP Politics: सिंधिया के खास तुलसी सिलावट के खिलाफ कांग्रेस की रणनीति, भाजपा नेता प्रेमचंद गुड्डू को मैदान में उतारने की तैयारी
MP Politics: सिंधिया के खास तुलसी सिलावट के खिलाफ कांग्रेस की रणनीति, भाजपा नेता प्रेमचंद गुड्डू को मैदान में उतारने की तैयारी

रवींद्र कैलासिया, भोपाल। कांग्रेस से भाजपा में आए दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे विश्वासपात्र मंत्री तुलसीराम सिलावट के सामने ताकतवर प्रत्याशी उतारने के लिए पुरानी शिकवा-शिकायतों को कांग्रेस नजरअंदाज करने के मूड में लग रही है। सिलावट के सामने वह सांवेर विधानसभा सीट से पुराने कांग्रेस नेता और वर्तमान में भाजपा से जुड़े प्रेमचंद गुड्डू को मैदान में उतार सकती है।

loksabha election banner

बताया जा रहा है कि गुड्डू की जल्द घर वापसी होने के संकेत हैं और उन्होंने भी क्षेत्र में अपने संपर्क सूत्रों को सक्रिय रहकर काम करने को कह दिया है। मालवा के नेता प्रेमचंद गुड्डू इंदौर के सांवेर तथा आगर-मालवा से दो बार विधायक रहे हैं। वे उज्जैन संसदीय सीट से एक बार सांसद भी रहे। गुड्डू की छवि दबंग नेता के रूप में रही है।

उन्होंने 2013 में अपने पुत्र अजीत बौरासी को आलोट से टिकट दिलाने के लिए काफी प्रयास किए थे, लेकिन एआईसीसी ने अधिकृत प्रत्याशी दूसरे नेता को बना दिया था। मगर बी-फार्म में अजीत बौरासी का नाम होने से अंतिम समय में गुड्डू के बेटे को ही कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया गया। इसके बाद 2018 में भी गुड्डू ने टिकट के लिए काफी प्रयास किए और जब आखिर समय तक नाम घोषित नहीं हुआ तो वे भाजपा में चले गए थे। इन दोनों घटनाक्रमों से उनके विरोधियों ने हाईकमान के सामने उनकी छवि बिगाड़ दी थी।

कमल नाथ सरकार बनने के बाद वापसी होते-होते टली

भाजपा में जाने के बाद जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई तो प्रेमचंद गुड्डू ने वापसी के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के माध्यम से प्रयास किए। उस समय सिंधिया समर्थक तुलसीराम सिलावट और कमल नाथ समर्थक सज्जन सिंह वर्मा ने विरोध किया था। आज परिस्थितियां बदल गई हैं। सिलावट खुद भाजपा में हैं और वे उपचुनाव में सांवेर से भाजपा प्रत्याशी बनाए जा रहे हैं। लिहाजा कांग्रेस को उनके खिलाफ टक्कर का प्रत्याशी नहीं मिल रहा है।

अब विरोध के स्वर ठंडे पड़े

प्रेमचंद गुड्डू की वापसी को लेकर विरोध के स्वर ठंडे पड़ते दिखाई दे रहे हैं। सिलावट के अलावा दूसरे विरोधी माने जाने वाले सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि मौजूदा परिस्थितियों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ जो भी निर्णय लेंगे, वह मान्य होगा। उधर, गुड्डू ने भी पिछले दिनों नईदुनिया से चर्चा में स्वीकारा था कि समय आएगा तो वे कांग्रेस में वापस जा सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.