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नए कृषि कानूनों पर भले हो तकरार, किसानों ने तो लाभ देखते हुए कंपनी से किया करार, जानें कैसे मिला बंपर मुनाफा

सिवनी के 10 आलू उत्पादक किसानों ने आलू चिप्स बनाने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनी पेप्सीको से अनुबंध किया है। अनुबंध के तहत वे अपना आलू कंपनी को ही बेचेंगे बदले में कंपनी इन्हें प्रति किलो 11.40 रुपये कीमत देगी।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 06:50 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 07:38 PM (IST)
नए कृषि कानूनों पर भले हो तकरार, किसानों ने तो लाभ देखते हुए कंपनी से किया करार, जानें कैसे मिला बंपर मुनाफा
मध्य प्रदेश के जबलपुर अंचल के सिवनी जिले के किसान

 संजय अग्रवाल, जबलपुर। नए कृषि कानूनों पर पंजाब, हरियाणा के चुनिंदा किसान संगठन भले ही केंद्र सरकार से तकरार कर रहे हों या फिर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इन कानूनों के अमल पर रोक लगा दी हो, किंतु मध्य प्रदेश के जबलपुर अंचल के सिवनी जिले के किसानों ने तो इन कानूनों का लाभ लेना शुरू भी कर दिया है। सिवनी के 10 आलू उत्पादक किसानों ने आलू चिप्स बनाने वाली अंतरराष्ट्रीय कंपनी पेप्सीको से अनुबंध किया है। अनुबंध के तहत वे अपना आलू कंपनी को ही बेचेंगे, बदले में कंपनी इन्हें प्रति किलो 11.40 रुपये कीमत देगी। किसानों का गुणा-भाग कहता है कि इससे उन्हें प्रति एकड़ 60 से 70 हजार रुपये तक शुद्घ मुनाफा मिलेगा।

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नए कृषि कानूनों ने दी हिम्मत

गांव ढेंका निवासी किसान प्रहलाद ठाकुर कहते हैं कि नए कृषि कानूनों ने हमें हिम्मत दी कि कंपनी से अनुबंध कर सकें। अब कंपनी की जिम्मेदारी है कि वह हमारी फसल खरीदे। पेप्सीको से अनुबंध के तहत इन 10 किसानों ने इस साल 45 एकड़ रकबे में आलू की फसल लगाई है। फरवरी तक खेतों में उन्नत किस्म का आलू तैयार हो जाएगा, जिसे कंपनी को बेचकर किसान मुनाफा कमाएंगे।

यूं मिलेगा लाभ

किसान प्रहलाद ठाकुर ने बीते रबी सीजन में पेप्सीको की देखरेख में प्रयोग के तौरु पर एक एकड़ में आलू की फसल लगाई थी, जिससे करीब 108 क्विंटल आलू पैदा हुआ। कंपनी ने इसे 10.75 रुपये प्रति किलो के दाम पर एक लाख 16 हजार रुपये में खरीदा। 50 हजार रुपये खर्च काटने के बाद किसान को करीब 64 हजार रुपये शुद्घ मुनाफा मिला था। इससे उत्साहित 10 किसानों ने 45 एकड़ में आलू की फसल लगाई है।

फरवरी 2021 तक उपज तैयार हो जाएगी, जिसे पेप्सीको कंपनी के कर्मचारी खेत से खरीदकर ले जाएंगे। एक सप्‍ताह में किसानों को बैंक खाते में भुगतान कर दिया जाएगा। फरवरी में खेत खाली होने के बाद किसान मूंग, सब्जी-भाजी या अन्य मौसमी फसल लगा सकेंगे।

मध्य प्रदेश के सिवनी के कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ कृषि विज्ञानी डॉ. एनके सिंह ने कहा कि सिवनी जिले में पहली बार किसानों ने अनुबंध के तहत आलू की खेती शुरू की है। खेतों में लगा आलू 50 दिनों का हो चुका है, जो देशी प्रजाति से काफी बड़े आकार का है। आलू की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा मिलने की संभावना है।


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