एमपी बोर्ड के छात्रों के लिए 10वीं -12वीं में सामान्य और विशिष्ट भाषा की अनिवार्यता हुई समाप्त
मध्य प्रदेश बोर्ड के छात्रों के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने एक बड़ा निर्णय लिया है। अब दसवीं व बारहवीं में सामान्य और विशिष्ट भाषा की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। अभी हाल ही में मंडल की पाठ्यचर्या समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश बोर्ड के छात्रों के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने एक बड़ा निर्णय लिया है। अब दसवीं व बारहवीं में सामान्य और विशिष्ट भाषा की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। अभी हाल ही में मंडल की पाठ्यचर्या समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। सत्र 2020- 21 में कक्षा दसवीं एवं बारहवीं में विशिष्ट और सामान्य की अनिवार्यता समाप्त की जाती है। छात्रों को विकल्प की सुविधा दी जाती है। विशिष्ट एवं सामान्य भाषा में से छात्र कोई भी भाषा का चयन अपनी रुचि के अनुसार कर सकता है।
समिति की बैठक के बाद जारी किए दिशा- निर्देश
दसवीं का छात्र कोई भी तीन सामान्य/ विशिष्ट भाषा या इनका संयोजन (2 विशिष्ट 1 सामान्य या 2 सामान्य 1 विशिष्ट ) भाषा लेकर परीक्षा में शामिल हो सकता है। इसी तरह बारहवीं में छात्र कोई भी 2 सामान्य/विशिष्ट भाषा या 1 सामान्य एवं 1 विशिष्ट भाषा लेकर परीक्षा दे सकता है। छात्र एक ही भाषा को सामान्य एवं विशिष्ट दोनों में नहीं ले सकेगा। जैसे हिंदी विशिष्ट के साथ हिंदी सामान्य, अंग्रेजी विशिष्ट के साथ अंग्रेजी सामान्य, संस्कृत विशिष्ट के साथ संस्कृत सामान्य एवं उर्दू विशिष्ट के साथ उर्दू सामान्य भाषा का चयन नहीं कर सकेगा। साथ ही दसवीं और बारहवीं दोनों में प्रत्येक छात्र को भाषा विषयों में हिंदी एवं अंग्रेजी लेना अनिवार्य है।
ज्ञात हो कि पहले दसवीं में हिंदी माध्यम के विद्यार्थी को हिंदी विशिष्ट एवं दो सामान्य भाषा और अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थी को अंग्रेजी विशिष्ट एवं दो सामान्य भाषषा लेना होता था। वहीं बारहवीं के विद्यार्थी को हिंदी माध्यम वालों को हिंदी विशिष्ट एवं एक सामान्य भाषषा और अंग्रेजी माध्यम वालों को अंग्रेजी विशिष्ट एवं एक सामान्य भाषषा लेकर परीक्षा में शामिल होते थे।