इंदौर के प्याज से सजेगा दक्षिण भारत का डोसा, हो रही बंपर कमाई, किसानों ने नए कृषि कानून पर जताया भरोसा
अनुबंध के तहत किसानों को प्याज का बीज कंपनी ने उपलब्ध करवाया है। यह प्याज आकार स्वाद और गुणवत्ता में विशिष्ट होता है। यही कारण है कि इसका उपयोग डोसा और सांभर को स्वादिष्ट बनाने में किया जाता है। इसका उत्पादन एक एकड़ में 200 क्विंटल तक होता है।
विपिन अवस्थी, इंदौर। भले ही पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चुनिंदा किसान संगठन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हों, लेकिन देश के अन्य प्रदेशों में किसानों को नए कृषि कानूनों का लाभ मिलना शुरू हो गया है। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में प्याज उगाने वाले किसानों से दक्षिण भारत के कर्नाटक की कंपनी ने अनुबंध किया है। इसके तहत 10 किसान अपनी 10 एकड़ जमीन पर कंपनी की मांग के अनुरूप प्याज उगाएंगे और फसल आने पर कंपनी को ही देंगे। कंपनी बदले में किसानों को 12 रुपये प्रति किलो का भाव देगी, फिर चाहे बाजार में प्याज की कीमत कितनी ही कम क्यों न हो। कंपनी इस प्याज को दक्षिण भारत के विशेष व्यंजन सांभर व डोसा में इस्तेमाल करने के लिए कर्नाटक, केरल व तमिलनाडु में सप्लाय करेगी।
कर्नाटक की कंपनी ने मध्य प्रदेश के किसानों से किया प्याज उगाने का अनुबंध
अनुबंध के तहत किसानों को प्याज का बीज कंपनी ने उपलब्ध करवाया है। यह प्याज आकार, स्वाद और गुणवत्ता में विशिष्ट होता है। यही कारण है कि इसका उपयोग डोसा और सांभर को स्वादिष्ट बनाने में किया जाता है। इसका उत्पादन एक एकड़ में 200 क्विंटल तक होता है। यह देखते हुए कंपनी ने इंदौर जिले के देपालपुर गांव के किसानों से 10 एकड़ जमीन में प्याज लगवाने की शुरुआत की है। कंपनी के डिप्टी मैनेजर नरेश मोडक ने बताया कि अनुबंध के तहत प्याज निकलने के बाद भाड़ा भी किसानों को नहीं देना होगा। कंपनी खुद प्याज को खेत से कर्नाटक लेकर जाएगी।
आयुर्वेदिक उत्पादों में भी होगा उपयोग
कंपनी ने कई आयुर्वेदिक कंपनियों से भी प्याज आपूर्ति करने का अनुबंध किया है। प्याज का उपयोग कई प्रकार की दवाइयां बनाने में भी होता है, जिसके लिए विशेष प्रकार के प्याज की आवश्यकता होती है। यह प्याज आयुर्वेदिक दवाई बनाने के लिए उपयुक्त है। देपालपुर के किसान लाखन सिंह पुत्र सीताराम गहलोत ने बताया कि इस प्याज के एक पौधे में चार से पांच प्याज निकलेंगे।
सामान्य प्याज जल्दी खराब होने का खतरा भी रहता है, जबकि यह जल्दी खराब नहीं होगा। इसका आकार छोटा होने से इसके भंडारण में भी दिक्कत नहीं आएगी। एक अन्य किसान राजेन्द्र सिंह दरबार ने बताया कि सामान्य देशी प्याज में एक एकड़ में 130 से 150 क्विंटल प्याज निकलता है जबकि इस नए उन्नत बीज में 200 क्विंटल प्रति एकड़ तक उत्पादन होगा।