18 लाख के केले की फसल ने दिया एक करोड़ कमाने का अवसर, जानें कैसे आपदा को अवसर में बदला
कोरोना लॉकडाउन में जब सभी ओर मायूसी थी तब जोगेंद्र ने केले की फसल में हाथ आजमाया। बुरहानपुर में रहने वाले उनके कुछ रिश्तेदारों ने जानकारी दी थी कि इस बार केले की फसल लॉकडाउन के कारण अच्छी तरह से नहीं लग नहीं पाई है।
अच्छे लाल वर्मा, भोपाल। खेती में भी लोगों के लिए काफी अवसर हैं। कोरोना संकट के दौरान मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के ग्राम केवलझिरी के किसान जोगेंद्र सिंह ने आपदा में अवसर खोज लिया। उन्होंने पहली बार 15 एकड़ खेत में केले की खेती करते हुए 18 लाख की लागत लगाई और अब उनकी फसल के दाम आनलाइन नीलामी में दिल्ली के एक व्यापारी ने एक करोड़ रुपये लगा दिए हैं। पौधे इतनी अच्छी तरह से तैयार हुए हैं कि खेती-किसानी के जानकार इन्हें अच्छी फसल की गारंटी मान रहे हैं। कृषि विज्ञानी जोगेंद्र के प्रयासों पर शोध करने की योजना बना रहे हैं और उनकी तारीफ कर रहे हैं।
टमाटर की खेती से निराश किसान ने केले की खेती में आजमाया हाथ
जोगेंद्र पहले टमाटर की खेती करते थे लेकिन दाम अच्छे नहीं मिल पाते थे। कोरोना लॉकडाउन में जब सभी ओर मायूसी थी, तब उन्होंने केले की फसल में हाथ आजमाया। बुरहानपुर में रहने वाले उनके कुछ रिश्तेदारों ने जानकारी दी थी कि इस बार केले की फसल लॉकडाउन के कारण अच्छी तरह से नहीं लग नहीं पाई है। इससे उन्होंने अनुमान लगाया कि अभी केला की रोपाई नहीं हुई है तो सीजन पर फसल के अच्छे दाम मिल सकते हैं। इसलिए पहली बार केले की फसल लगाने का साहस किया। उन्होंने उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक नरेंद्र सिंह तोमर से तकनीकी सलाह लेकर जुलाई 2020 में केले के पौधों का रोपण कर दिया। उनके 15 एकड़ के खेत में 25 हजार 500 पौधे लगे हैं। सही समय पर खाद, पानी का उपयोग करने से पौधे अब अच्छी तरह तैयार हो चुके हैं।
पौधे देखकर ही दिल्ली के एक व्यापारी ने एक करोड़ रुपये कीमत लगाई
कुछ दिन पहले जब जोगेंद्र ने अपने खेते के केले के पौधों के फोटो व वीडियो व्यापारियों को भेजे तो खुद व्यापारियों ने प्रत्येक पौधे में 30 से 35 किलो तक फल लगने का अनुमान बताया है। दरअसल पौधे की मोटाई के हिसाब से फल लगते हैं। जोगेंद्र ने अपनी फसल का ऑनलाइन मूल्य एक करोड़ 10 लाख रुपये रखा था। दिल्ली के व्यापारी सतपाल सिंह ने एक करोड़ रुपये दाम लगा दिए हैं। सतपाल ने कहा, हमें जोगेंद्र सिंह के खेत पर लगी केले की फसल की अच्छी पैदावार पर भरोसा है। हम 20 साल से यही कारोबार कर रहे हैं।
रायसेन के जिला कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. स्वप्निल दुबे का कहना है कि शोधार्थियों व कृषि विज्ञानियों के साथ केवलझिरी पहुंचकर फसल का जायजा लिया था। दरअसल रायसेन जिले की चिकनी मिट्टी और जलवायु केले की खेती के लिए उपयुक्त है। जोगेंद्र के खेत की केले की फसल पर शोध कराया जाएगा।
रायसेन के उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक नरेश सिंह तोमर ने कहा कि जोगेंद्र के खेत में लगे केले की फसल को हमने देखा है। प्रत्येक पौधे में 30 से 35 किलो फल आने का अनुमान है।