एमपी हाई कोर्ट ने दिखाई सख्ती, महाधिवक्ता या जिम्मेदार अधिकारी हाजिर होकर दें स्पष्टीकरण
एकलपीठ ने आठ जनवरी 2021 को केस डायरी पेश करने का निर्देश दिया था लगातार तीन बार अवसर दिए जाने के बाद भी डायरी पेश नहीं की गई। अधिवक्ता अंकित सक्सेना ने दलील दी कि बार-बार अवसर दिए जाने के बाद भी केस डायरी पेश नहीं की जा रही है।
जबलपुर, जेएनएन। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने केस डायरी पेश नहीं किए जाने के मामले में सख्ती दिखाई है। न्यायमूर्ति जेपी गुप्ता की एकलपीठ ने आदेश दिया है कि महाधिवक्ता या जिम्मेदार अधिकारी कोर्ट में हाजिर होकर तीन दिन में स्पष्टीकरण पेश करें कि केस डायरी क्यों नहीं पेश की जा रही है? मुबारकपुर टोल टैक्स नाका भोपाल निवासी राहुल मारन के खिलाफ पुलिस ने दुष्कर्म और एससी-एसटी एक्ट का प्रकरण दर्ज किया है। इस मामले में क्रिमिनल अपील दायर की गई है।
एकलपीठ ने आठ जनवरी, 2021 को केस डायरी पेश करने का निर्देश दिया था, लगातार तीन बार अवसर दिए जाने के बाद भी डायरी पेश नहीं की गई। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अंकित सक्सेना ने दलील दी कि बार-बार अवसर दिए जाने के बाद भी केस डायरी पेश नहीं की जा रही है।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एकलपीठ ने पैनल लायर कमलेश द्विवेदी को निर्देश दिया कि तीन दिन में केस डायरी पेश करना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही महाधिवक्ता या जिम्मेदार अधिकारी को कोर्ट में हाजिर होकर स्पष्टीकरण दें कि केस डायरी क्यों नहीं पेश की जा रही है?