तीन साल में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति से खजाने पर कितना बढ़ेगा बोझ, छानबीन कर रही एमपी सरकार
आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश में सुशासन के लिए बने मंत्री समूह ने भी इसकी सिफारिश की है। इसके मद्देनजर सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिखकर तीन साल में सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की जानकारी मांगी है।
भोपाल, जेएनएन। अगले तीन साल में अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवानिवृत्त होने से खजाने पर कितना बोझ ब़़ढेगा, सरकार इसका आकलन करवा रही है। दरअसल, सरकार वित्तीय प्रबंधन के लिए दीर्घकालीन रणनीति पर काम कर रही है। इसमें उन खर्चो को पहले से चिन्हित किया जा रहा है, जो आवश्यक हैं। आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश में सुशासन के लिए बने मंत्री समूह ने भी इसकी सिफारिश की है। इसके मद्देनजर सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिखकर तीन साल में सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की जानकारी मांगी है, ताकि एकमुश्त भुगतान में लगने वाली राशि का इंतजाम किया जा सके।
हर साल औसत 12 हजार कर्मचारी सेवानिवृत्त होते हैं। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति इस समय कमजोर है। कोरोना संकट के कारण लक्ष्य के अनुसार न तो केंद्रीय कर संग्रहित हुए हैं और न ही राज्य कर। इसकी वजह से प्रदेश सरकार को लगभग 28 हजार करोड़ रुपये का राजस्व कम प्राप्त हुआ है। हालांकि इसकी भरपाई के लिए केंद्र सरकार ने राज्य को अतिरिक्त कर लेने की अनुमति दी है पर इससे प्रदेश के ऊपर देनदारी भी बढ़ती जा रही है। कोरोना संक्रमण की वजह से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी में आने में कुछ समय लग सकता है। इसका असर सेवानिवृत्ति होने वाले कर्मचारियों के भुगतानों पर न पड़े, इसके लिए सरकार अभी से रणनीति तैयार करने में जुट गई है। सुशासन की दृष्टि से इसे महत्वपूर्ण माना गया है। यही वजह से सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव सुनील मंडावी ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे तीन साल में सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की पहचान कर वित्त विभाग को बताएं, ताकि उसके आधार पर बजट का प्रविधान किए जा सकें।
सरकार की आर्थिक स्थिति खराब, यह काम हो रहे प्रभावित
- सरकार अभी विभागों को सिर्फ जरूरी कामों के लिए ही बजट दे रही है।
- लोक निर्माण सहित अन्य विभागों के सभी बड़े भुगतान रोक दिए हैं।
- कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के एरियर की तीसरी और अंतिम किस्त का भुगतान भी नहीं किया गया।
- पांच फीसद महंगाई भत्ता बढ़ाने के आदेश देने के बाद इसे स्थगित किया जा चुका है।वाषिक वेतनवृद्धि का वास्तविक लाभ भी नहीं दिया गया है।
- सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के पेंशन प्रकरण बनने में विलंब हो रहा है।
- अवकाश नकदीकरण सहित अन्य भुगतान भी प्रभावित हो रहे हैं।