किसानों का भुगतान नहीं करने वाले व्यापारी का मकान और जमीन हुई नीलाम, छह का पैसा लौटाया, नए कानून के तहत पहली कार्रवाई
22 दिसंबर को मकान की नीलामी से एक लाख 45 हजार रुपये मिले और जमीन की नीलामी 2.75 लाख रुपये में हुई। आरोपित की तलाश जारी है। उसकी गिरफ्तारी के बाद अन्य किसानों का बकाया भी दिलवाया जाएगा।
ग्वालियर, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में नए कृषि कानूनों के तहत की गई कार्रवाई में 17 किसानों के साथ धोखाधड़ी के आरोपित व्यापारी बलराम परिहार की जमीन भी नीलाम कर दी गई। शनिवार को उसकी 0.460 हेक्टेयर जमीन की नीलामी हुई। जमीन 2.75 लाख रुपये में बाजना निवासी किसान श्रीलाल परिहार ने खरीद ली। नए कानूनों के तहत यह ग्वालियर जिले की पहली कार्रवाई है। इसके तहत छह किसानों का पैसा लौटाया गया है।
नए कृषि कानूनों के तहत ग्वालियर में कार्रवाई
भितरवार के एसडीएम अश्वनी रावत के प्रतिवेदन के अनुसार किसानों की शिकायत के आधार पर कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य अधिनियम 2020 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद व्यापारी को सूचना पत्र जारी किया गया। सुलह बोर्ड का गठन किया गया लेकिन व्यापारी के गायब होने पर अधिनियम की धारा 131 के तहत सुलह नहीं करवाई जा सकी। बाद में कानून के प्रावधानों के अनुसार आरोपित की संपत्ति की कुर्की कर उसकी नीलामी करवाई गई। 22 दिसंबर को मकान की नीलामी से एक लाख 45 हजार रुपये मिले और जमीन की नीलामी 2.75 लाख रुपये में हुई। आरोपित की तलाश जारी है। उसकी गिरफ्तारी के बाद अन्य किसानों का बकाया भी दिलवाया जाएगा।
नए कृषि कानूनों के तहत ग्वालियर में कार्रवाई
मकान और जमीन की नीलामी से आई राशि से बाजना निवासी किसान सतेंद्र को एक लाख 28 हजार 390 रुपये, देवेंद्र सिंह को 56,750 रुपये, कप्तान सिंह को 61,250 रुपये, मोहन सिंह को 89,268 रुपये, खेमू को 29,971 रुपये, गजरापुरी को 15 हजार रुपये की राशि वापस की गई। धोखाधड़ी करने वाले बलराम उर्फ बल्लू पुत्र गंगाराम परिहार के खिलाफ करीब आठ लाख रुपये की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हो चुका है। पुलिस उसे तलाश रही है।
एसडीएम ने पूरी कार्रवाई का प्रतिवेदन भी कलेक्टर को भेज दिया है। 15 दिन में भुगतान करने का वादा किया था, पर भाग गया किसान देवेंद्र सिंह पुत्र राम सिंह रावत सहित अन्य कई किसानों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि बलराम ने उनसे 1750 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से धान खरीदा था। 15 दिनों में भुगतान का वादा किया था, लेकिन वह तीन दिसंबर को गांव छोड़कर भाग गया।