10 साल पुराना 'राज' खुला तो पुलिस की 'गोद' में आया चुराया गया बच्चा, जानें पूरी कहानी
एसपी (एसटीएफ) मनीष खत्री के अनुसार 58 वर्षीय शिरीष देवास नगर निगम में नौकरी करता है। उसने पूछताछ में बताया कि पुष्पा उसके घर के समीप ही रहती है और पत्नी सुधा से उसकी दोस्ती है। बच्चे नहीं होने पर सुधा अनाथालय से बच्चा गोद लेना चाहती थी।
इंदौर, राज्य ब्यूरो। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बच्चे की खरीद- फरोख्त के आरोप में देवास से शिरीष इंदूरकर, पत्नी सुधा सहित पुष्पा और लीलाबाई नामक महिलाओं को हिरासत में लिया है। आरोपितों ने 10 वर्ष पहले डा. शर्मिला शुक्ला से बच्चा खरीदा था। पुलिस ने बच्चे को बरामद कर शेल्टर होम भिजवा दिया है। पुलिस मामले की गुत्थी सुलझा रही है।
दाई और महिला डाक्टर ने बेचा था, स्पेशल टास्क फोर्स ने ढूंढे आरोपित
एसपी (एसटीएफ) मनीष खत्री के अनुसार 58 वर्षीय शिरीष देवास नगर निगम में नौकरी करता है। उसने पूछताछ में बताया कि पुष्पा उसके घर के समीप ही रहती है और पत्नी सुधा से उसकी दोस्ती है। बच्चे नहीं होने पर सुधा अनाथालय से बच्चा गोद लेना चाहती थी। चर्चा में पुष्पा ने कहा कि उसकी बहन लीलाबाई स्कीम-51 स्थित यश अस्पताल में नौकरी करती है। डा. शर्मिला शुक्ला से उसके अच्छे संबंध हैं। लीला के माध्यम से वह बच्चा दिलवा सकती है।
खरीदी करने वाले देवास नगर निगम कर्मी और तीन महिलाएं हिरासत में
शिरीष, सुधा और पुष्पा इंदौर आए और लीलाबाई के माध्यम से डा. शुक्ला से मुलाकात हुई। 30 अक्टूबर 2011 को डाक्टर ने दंपती को एक दिन का नवजात सौंप दिया। कुछ समय बाद डाक्टर की सड़क हादसे में मौत हो गई। लीलाबाई दाई का काम भी करती है। प्रारंभिक पूछताछ में दंपती और दोनों महिलाओं ने बच्चा खरीदने से इन्कार कर दिया। डॉक्टर की मौत हो चुकी है और अस्पताल भी बंद हो गया। पुलिस अभी बच्चे के माता- पिता के बारे में जानकारी जुटा रही है। फिलहाल बच्चे को चाइल्ड लाइन की मदद से शेल्टर होम भिजवा दिया है।
प्रापर्टी के झगडे़ में सामने आया 10 साल पुराना मामला
एसपी के अनुसार हेल्पलाइन 1098 पर शिकायत मिली थी। शिकायतकर्ता ने कहा कि सुधा की उम्र 58 साल है और उसके पास 10 साल का बच्चा है। दोनों ने बच्चा चुराया है। वह उसकी हत्या भी कर सकते हैं। इसके बाद एसटीएफ हरकत में आई और बच्चा बरामद कर लिया। पूछताछ में पता चला कि शिरीष का रिश्तेदार से प्रापर्टी को लेकर विवाद चल रहा है। विवाद में उसके रिश्तेदारों ने पुलिस को काल कर 10 साल पुराना राज बता दिया। पुलिस अभी कानूनी उलझन में है। बच्चे के माता-पिता और अस्पताल का रिकार्ड भी नहीं मिल रहा है।