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Video: मां ने लोक कलाकार बेटे की अंतिम इच्‍छा को किया पूरा, पढ़कर छलक जाएगी आपकी आंखें

मंदराजी सम्मान से सम्मानित सुप्रसिद्ध लोक कलाकार पूनम विराट और रंगकर्मी दीपक विराट के बेटे बहुआयामी लोक कलाकार सूरज तिवारी (30) की शुक्रवार अलसुबह मौत हो गई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 11:29 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 05:19 PM (IST)
Video: मां ने लोक कलाकार बेटे की अंतिम इच्‍छा को किया पूरा, पढ़कर छलक जाएगी आपकी आंखें
Video: मां ने लोक कलाकार बेटे की अंतिम इच्‍छा को किया पूरा, पढ़कर छलक जाएगी आपकी आंखें

राजनांदगांव (छत्‍तीसगढ़ ), राज्‍य ब्‍यूरो। शहर के ममता नगर में शनिवार को जो कुछ हुआ, वैसा केवल किस्से-कहानियों या फिर फिल्मों में ही सुनने और देखने को मिलता है। एक लोक कलाकार मां ने अपने तबला वादक युवा बेटे की मौत पर उसकी इच्छा के मुताबिक लोकगीत 'चोला माटी के राम..." गाकर अंतिम विदाई दी। इतना ही नहीं, मंचीन आयोजनों में संगत देने वाले उसके दोस्तों ने इस मौके पर ढोलक और हारमोनियम पर संगत दी। इस दौरान वहां मौजूद सभी की आंखें नम हो गईं।

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शुक्रवार को हुई थी बेटे की मौत

मंदराजी सम्मान से सम्मानित सुप्रसिद्ध लोक कलाकार पूनम विराट और रंगकर्मी दीपक विराट के बेटे बहुआयामी लोक कलाकार सूरज तिवारी (30) की शुक्रवार की अलसुबह हृदयाघात से मौत हो गई। दरअसल, तबीयत खराब होने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। शुक्रवार को उन्हें तिल्दा में कार्यक्रम देना था। इसके लिए अस्पताल से छुठ्ठी लेकर वे कार्यक्रम देने गए थे। वहां उन्होंने तबले पर अपनी जिंदगी की आखिरी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद अलसुबह करीब चार बजे उनके सीने में दर्द होने लगा। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाने की तैयारी हुई, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही सांसें थम गईं।

अंतिम संस्‍कार से पहले मां ने वाद्य यंत्रों के साथ लोकगीत गाया

इस घटना से लोककला के पुजारियों के इस परिवार पर जैसे पहाड़ टूट पड़ा। मां पूनम विराट और पिता दीपक विराट के साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों के लिए यह बड़ा आघात था। सूरज की अंतिम यात्रा की तैयारी शुरू हुई। अर्थी तैयार की गई। रीति-रिवाजों को पूरा करने के बाद सूरज को अर्थी पर लिटाया गया। आरती-तिलक के बाद मुक्तिधाम निकलने के पहले मां पूनम विराट ने सूरज की अंतिम इच्छा के मुताबिक लोकगीत गाया। इस दौरान उसके दोस्तों ने ढोलक और हारमोनियम पर संगत दी। इसके बाद अंतिम यात्रा निकाली गई। सूरज की दो बहनें हैं, जिनमें से एक की शादी हो चुकी है। दूसरी बहन मां के साथ कला मंच साझा करती है।

बचपन से गा रहे थे लोकगीत

सूरज बचपन से ही पिता दीपक विराट के नाटक चरणदास चोर को देखते आए थे। हबीब तनवीर के साथ भी कई बार काम किया। सुप्रसिद्ध नाटक आगरा बाजार का देश भर में सैकड़ों शो सूरज ने किया। खुद चरणदास चोर की भूमिका में निभाते थे। चंदैनी गोंदा व अन्य लोककला मंचों पर भी सूरज प्रस्तुति देते थे। शहीद वीर नारायण सिंह की जीवनी पर आधारित फिल्म का निर्देशन भी वे कर रहे थे। लेकिन शनिवार को सूरज के साथ छत्तीसगढ़ का ख्यातिप्राप्त लोक गायक अस्त हो गया। 


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