Move to Jagran APP

ज्यादातर विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर हुए राजी, यूजीसी की गाइडलाइन का होगा पालन

विश्वविद्यालयों का यह रुख ऐसे समय सामने आया है जब अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर जारी की गई यूजीसी की संशोधित गाइडलाइन का कई राज्यों में विरोध हो रहा है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 08:31 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 08:45 PM (IST)
ज्यादातर विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर हुए राजी, यूजीसी की गाइडलाइन का होगा पालन
ज्यादातर विश्वविद्यालय अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर हुए राजी, यूजीसी की गाइडलाइन का होगा पालन

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश के ज्यादातर विश्वविद्यालय यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) की संशोधित गाइडलाइन के तहत परीक्षाएं कराने को तैयार है। यूजीसी ने यह गाइडलाइन छह जुलाई को जारी की थी। इसके तहत सभी विश्वविद्यालयों को अंतिम वर्ष की लंबित परीक्षाओं को कराना जरूरी है। यूजीसी ने इसके लिए विश्वविद्यालयों को 30 सितंबर तक का समय भी दिया है। पहले इन परीक्षाओं को एक से पंद्रह जुलाई के बीच कराया जाना था। जिसे कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए आगे बढ़ाया गया है।

loksabha election banner

विश्वविद्यालयों का यह रुख ऐसे समय सामने आया है, जब अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर जारी की गई यूजीसी की संशोधित गाइडलाइन का कई राज्यों में विरोध हो रहा है। फिलहाल अब तक जिन राज्यों ने गाइडलाइन को लेकर आपत्ति जताई है, उनमें दिल्ली, पंजाब,महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु और राजस्थान शामिल है। हालांकि यूजीसी का साफ कहना है कि यूजीसी एक्ट के तहत गाइडलाइन को मानना सभी राज्यों के लिए जरूरी है। कोई भी राज्य इसे मानने से इंकार नहीं कर सकता है। वैसे भी यूजीसी देश में विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों की सबसे बड़ी नियामक संस्था है। यूजीसी की मंजूरी के बाद ही कोई भी कोर्स और डिग्री मान्य होती है। कोरोना संकट को देखते हुए यूजीसी ने विवि को आनलाइन और ऑफलाइन किसी भी तरीके से परीक्षाएं कराने की छूट दी है।

राज्य विश्वविद्यालय भी हैं शामिल

यूजीसी के मुताबिक विश्वविद्यालय की यह रुझान उस समय सामने आया है, जब संशोधित गाइडलाइन जारी करने के साथ ही सभी विवि से अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को प्लान भी मांगा गया था। इस बीच अब तक 640 विश्वविद्यालयों के जवाब आ चुके है। जिसमें 120 डीम्ड विवि , 229 निजी विवि, 40 केंद्रीय विश्वविद्यालय और 251 राज्य विश्वविद्यालय शामिल है। इनमें में से 454 विश्वविद्यालयों ने या तो परीक्षाएं होने की या फिर इसकी तैयारी की जानकारी की दी है। इनमें से 182 विवि ने आनलाइन और आफलाइन मोड में पहले ही परीक्षाएं कराने की जानकारी दी है, जबकि 234 ने अलग-अलग तरीके से अगस्त और सितंबर में परीक्षाएं कराने का प्लान दिया है।

ढ़ाई सौ विश्वविद्यालयों के जवाब आने हैं बाकी

वहीं, 38 ने स्थिति के सामान्य होते ही जल्द ही प्लान तैयार करने के लिए देने की बात कही है, जबकि 186 विश्वविद्यालयों ने अब तक इस पर कोई भी निर्णय न लिए जाने की जानकारी दी है। हालांकि अभी भी करीब ढ़ाई सौ विश्वविद्यालयों की ओर से जबाव आने बाकी है। इनमें ज्यादा राज्य विवि है। इसके साथ ही करीब 27 ऐसे निजी विश्वविद्यालय है, जो हाल ही में खुले है। जिसका अभी तक कोई भी बैच अंतिम वर्ष में नहीं पहुंचा है। ऐसे में इन पर गाइडलाइन प्रभावी नहीं होती है। यूजीसी सचिव डॉ रजनीश जैन के मुताबिक जिन विवि के अभी तक जबाव नहीं मिले है, उनसे नए सिरे से संपर्क किया जा रहा है। मौजूदा समय में देश में करीब 935 विश्वविद्यालय है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.