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1.40 करोड़ का इनामी खूंखार नक्सली रमन्ना की गंभीर बीमारी से मौत, ताड़मेटला कांड का था मास्टरमाइंड

तेलंगाना के वारंगल जिले के रमन्ना उर्फ रावुलू श्रीनिवास ने 15 साल की उम्र में हथियार उठा लिया था। तभी से वह दक्षिण बस्तर के सुकमा व बीजापुर जिले के बीच के जंगलों में सक्रिय रहा।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 05:44 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 05:57 PM (IST)
1.40 करोड़ का इनामी खूंखार नक्सली रमन्ना की गंभीर बीमारी से मौत, ताड़मेटला कांड का था मास्टरमाइंड
1.40 करोड़ का इनामी खूंखार नक्सली रमन्ना की गंभीर बीमारी से मौत, ताड़मेटला कांड का था मास्टरमाइंड

गणेश मिश्रा,बीजापुर। एक करोड़ 40 लाख रुपये के इनामी माओवादी नेता और दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी सचिव रमन्ना उर्फ रावला श्रीनिवास की गंभीर बीमारी से मौत हुई है। माओवादी नेता विकल्प ने दैनिक जागरण के सहयोगी अखबार नईदुनिया को फोन कर इसकी पुष्टि की है।

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गौरतलब है कि 7 दिसंबर 2019 को रात 10 बजे तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की सीमा पर माओवादी रमन्ना की मौत हुई थी। रमन्ना की मौत को माओवादी नेता ने उनके संगठन के लिए अब तक का सबसे बड़ा नुकसान बताया है। नक्सल कमांडर रमन्ना की मौत पर सस्पेंस कायम था। पुलिस और खुफिया एजेंसियों के पास यह सूचना थी कि तेलंगाना से सटे बीजापुर जिले के जंगल सोमवार को अंतिम संस्कार किया गया, लेकिन नक्सली इस मामले में चुप्पी साधे हुए थे। रमन्ना अप्रैल 2010 में हुई अब तक की सबसे बड़ी नक्सल वारदात ताड़मेटला कांड का मास्टरमाइंड था। ताड़मेटला में सीआरपीएफ के 76 जवान मारे गए थे।

सोशल मीडिया पर हार्टअटैक की खबर वायरल

रमन्ना की हार्टअटैक से मौत की खबर के बाद दो दिन से छत्तीसगढ़ और तेलंगाना पुलिस इसकी पुष्टि के लिए परेशान थी। मंगलवार को सोशल मीडिया में खबर चलने लगी कि तेलंगाना के कोत्तागुड़म जिले के एसपी सुनील दत्त ने रमन्ना की मौत की पुष्टि कर दी थी।

हालांकि बाद में तेलंगाना पुलिस ने भी साफ कर दिया कि अधिकारिक पुष्टि नहीं है। बस्तर आइजी सुंदरराज पी ने कहा कि रमन्ना नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का सदस्य था। अगर उसकी मौत हुई है तो नक्सली इसे क्यों छिपाएंगे? कई दिन से रमन्ना की मौत की खबर चल रही थी । इस बीच आज इसकी पुष्टि हुई।

15 साल की उम्र से दक्षिण बस्तर के जंगलों में सक्रिय रहा रमन्ना

तेलंगाना के वारंगल जिले के रमन्ना उर्फ रावुलू श्रीनिवास ने 15 साल की उम्र में हथियार उठा लिया था। तभी से वह दक्षिण बस्तर के सुकमा व बीजापुर जिले के बीच के जंगलों में सक्रिय रहा। छह अप्रैल 2010 को सुकमा जिले के ताड़मेटला में उसने सीआरपीएफ की एक कंपनी पर हमला किया जिसमें 76 जवानों की मौत हो गई। 2005 से अब तक उस इलाके में हुई लगभग सभी बड़ी वारदातों का मास्टरमाइंड उसे माना जाता है। आंध्र, ओडिशा, तेलंगाना, छत्तीसगढ; और महाराष्ट्र राज्य सरकारों ने उसपर कुल ढाई करोड; से ज्यादा का इनाम रखा था। 


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