मोदी का नया नारा, स्वस्थ धरा तो खेत हरा
खेती में नए और वैज्ञानिक ढंग से काम करने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राजस्थान के सूरतगढ़ में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत की। इसके तहत अगले तीन सालों में देश के 14 करोड़ किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किए जाएंगे।
श्रीगंगानगर, जागरण न्यूज नेटवर्क। खेती में नए और वैज्ञानिक ढंग से काम करने की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राजस्थान के सूरतगढ़ में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत की। इसके तहत अगले तीन सालों में देश के 14 करोड़ किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान किए जाएंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं पुरानी आदतें बदलने में लगा हूं। पहले सरकार दिल्ली के विज्ञान भवन में समारोह कर योजना शुरू करती थी, अब मैं जनता के बीच जाकर योजनाएं ला रहा हूं।
पहले काम ऊपर से नीचे होता था, अब काम और योजनाएं नीचे से ऊपर आएंगी। प्रधानमंत्री ने स्वस्थ धरा तो खेत हरा का नया नारा भी दिया और सर्वाधिक उत्पादन और कृषि में नवाचार के लिए 14 राज्यों और 18 प्रगतिशील किसानों को कृषि कर्मणा पुरस्कार प्रदान किए।
समारोह में सिर्फ पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ही पहुंचे, जबकि नौ राज्यों के मुख्यमंत्रियों के आने की बात कही जा रही थी। नगरपालिका स्टेडियम में करीब डेढ़ लाख लोगों की मौजूदगी में हुई सभा में 40 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने खेती में नई तकनीक अपनाने और पानी के दुरुपयोग को रोकने के लिए बिल्कुल सामान्य उदाहरणों में बात की। कहा कि गरीबी से लड़ने का एकमात्र बड़ा हथियार खेती को बचाना है और यही हम कर रहे हैं।
मोदी ने कहा कि हरियाणा में लड़कियां कम हैं, इसलिए हमने वहां से बेटी बचाओ अभियान शुरू किया। यहां पानी की कमी है और किसानों की धरती है, इसलिए यहां से किसानों की यह योजना शुरू कर रहे हैं। कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सहित अनेक मंत्री मौजूद रहे।
पंजाब को प्रथम पुरस्कार
कार्यक्रम में पंजाब को खाद्यान्न में प्रथम, उड़ीसा को द्वितीय, मेघालय को तीसरा पुरस्कार दिया गया। चावल के लिए छत्तीसगढ़, गेहूं के लिए मध्य प्रदेश, दालों के लिए असम और तमिलनाडु और ऑयल सीड में गुजरात को कृषि कर्मणा पुरस्कार दिया गया। झारखंड, आंध्र प्रदेश, नगालैंड, महाराष्ट्र और कर्नाटक को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
क्या है मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
इस योजना के तहत सिंचित और असिंचित भूमि से मिट्टी के नमूने लेकर किसानों को बताया जाएगा कि उनकी जमीन की उर्वरक क्षमता कैसी है। जमीन को किस तरह के उर्वरकों की जरूरत है। योजना के तहत 2.5 हेक्टेयर सिंचित और 10 हेक्टेयर असिंचित भूमि से एक-एक नमूने लिए जाएंगे। यह तकनीक किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है।