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मोदी ने नीतीश को बधाई देने में दिखाई गर्मजोशी

प्रधानमंत्री की जन्मदिन पर नीतीश को दी गई बधाई का खुलासा खुद मोदी ने ट्विटर पर किया।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Wed, 01 Mar 2017 06:49 PM (IST)Updated: Wed, 01 Mar 2017 07:23 PM (IST)
मोदी ने नीतीश को बधाई देने में दिखाई गर्मजोशी
मोदी ने नीतीश को बधाई देने में दिखाई गर्मजोशी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । राजनीति के मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही दो विरोधी ध्रुव पर खड़े हों मगर इस सियासी विरोध से इतर दोनों के आपसी संवाद के सिलसिले में कोई ब्रेक नहीं है। मोदी ने नीतीश को बुधवार को जन्मदिन पर गर्मजोशी से बधाई देकर एक बार फिर इसका संदेश दिया। नीतीश को पीएम की ओर से जन्म दिन की बधाई बेशक शिष्टाचार का हिस्सा है मगर राजनीति के गलियारों में इस बधाई के पीछे छिपे संदेशों को भी पढ़ने की कोशिश करने वालों की भी कमी नहीं है।

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प्रधानमंत्री की जन्मदिन पर नीतीश को दी गई बधाई का खुलासा खुद मोदी ने ट्विटर पर किया। पीएम ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री से उनके जन्मदिन पर उन्होंने बात की और नीतीश के बेहतर स्वास्थ्य के साथ दीर्घायु होने की कामना की। मोदी का यह संदेश भले ही बेहद संक्षिप्त था। मगर बिहार में पिछले हफ्ते पहले राबड़ी देवी के तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की राजद के लोगों की चाहत और फिर लालू प्रसाद के तेजस्वी को 'भविष्य' बताने के बयानों की सियासी गूंज के बीच पीएम का फोन कर बधाई देने के सियासी मायने हैं। मोदी का सियासी हस्तियों को जन्मदिन की शुभकामना देना कोई नई बात नहीं है और वे टिव्टर पर देश ही नहीं प्रमुख विदेशी शख्सियतों को भी बधाई देने का मौका नहीं चूकते। लेकिन बिहार के सीएम को बधाई देने में एक बात खास रही कि मोदी ने नीतीश को फोन पर मुबारकबाद देकर गर्मजोशी दिखाई।

मोदी और नीतीश की हाल के दिनों में आपसी संवाद में गर्मजोशी की यह पहली घटना नहीं बल्कि इससे पहले प्रकाश पर्व के शानदार प्रबंधन के लिए सबकी वाहवाही बटोरने वाले नीतीश के आयोजन की पीएम ने भी खुली सराहना की थी। हालांकि एक दूसरे की तारीफों के बाद एनडीए के साथ निकटता की तब भी उठी अटकलों को नीतीश ने सिरे से खारिज कर दिया था। इतना ही नहीं पिछले महीने पूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम के पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान भी नीतीश कुमार ने भाजपा के खिलाफ केन्द्र में विपक्ष की व्यापक गोलबंदी की खुली वकालत की थी। साथ ही यह भी साफ किया था कि देश के प्रधानमंत्री के साथ शिष्टाचार को सियासत से जोड़ना गलत होगा। बहरहाल नीतीश का राजनीतिक नजरिया बेशक भले ही साफ हो मगर राजद-जदयू रिश्तों में कशमकश देखने वालों के लिए बधाई देने में पीएम की दिखाई गई गरमाहट के अपने मायने हैं।


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