मोदी सरकार तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों में जुटी, स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत बनाने के लिए राज्यों को दिए 7,500 करोड़
कोरोना की दूसरी लहर की चुनौतियों से सीख लेते हुए सरकार तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। स्वास्थ्य ढांचे की मजबूती के लिए घोषित 23 हजार करोड़ रुपये के दूसरे पैकेज के तहत राज्यों की कार्ययोजना को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंजूरी दी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर की चुनौतियों से सीख लेते हुए सरकार तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। यही कारण है कि स्वास्थ्य ढांचे की मजबूती के लिए घोषित 23 हजार करोड़ रुपये के दूसरे पैकेज के तहत राज्यों की कार्ययोजना को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने न सिर्फ मंजूरी दे दी है, बल्कि इसके लिए अपने हिस्से की 50 फीसद रकम यानी 7,500 करोड़ रुपये राज्यों को जारी भी कर दिए हैं।
23 हजार करोड़ के कोरोना पैकेज की मंजूरी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के अनुसार वे खुद पैकेज के कार्यान्वयन की निगरानी कर रहे हैं। आठ जुलाई को कैबिनेट ने 23 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की मंजूरी दी थी, जिसमें 15 हजार करोड़ रुपये केंद्र और आठ हजार करोड़ रुपये राज्य सरकारों को मुहैया कराना था। पैकेज की घोषणा के तत्काल बाद मांडविया राज्यों के साथ मिलकर उसकी कार्ययोजना तैयार करने में जुट गए थे। राज्यों की कार्ययोजना की तैयारी के दौरान ही केंद्र सरकार ने 22 जुलाई को अपने हिस्से की राशि में से 15 फीसद एडवांस में जारी कर दिया था।
राज्यों को 7,500 करोड़ रुपये जारी
मांडविया के अनुसार शुक्रवार को सभी राज्यों की कार्ययोजना को मंजूर करते हुए उन्हें 35 फीसद राशि और जारी कर दी गई। इस तरह से 50 फीसद राशि के साथ केंद्र राज्यों को 7,500 करोड़ रुपये जारी कर चुका है। स्वास्थ्य ढांचे के लिए जारी दूसरे पैकेज के तहत ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में तीसरी लहर के पहले आक्सीजन रखने के लिए भंडार, पर्याप्त संख्या में बेड की व्यवस्था, जिसमें बच्चों के लिए 20 फीसद बेड आरक्षित रहेंगे और हर ब्लाक में कम से कम एक एंबुलेंस का प्रविधान शामिल है।
कोरोना के इलाज में प्रयक्त होने वाली दवाओं का भंडारण
इसके साथ ही हर जिले में कोरोना के इलाज में प्रयक्त होने वाली दवाओं का भंडारण भी किया जाएगा। मांडविया ने कहा कि हर जिले में एक करोड़ रुपये की ऐसी दवाओं के भंडारण की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही जिला अस्पतालों को डिजिटल प्लेटफार्म से जोड़ने का भी प्रविधान है। इसके अलावा ई-संजीवनी को मजबूत कर कोरोना काल में लोगों को टेलीमेडिसिन की मदद से भी इलाज उपलब्ध कराने का विकल्प भी तैयार किया जा रहा है।