Move to Jagran APP

जानें, फाइजर की कोरोना वैक्सीन कैसे है भारत के लिए लाभकारी, 95% तक है कारगर, तीसरे चरण का परीक्षण भी सफल

कोविड-19 से निपटने में फाइजर-बायोएनटेक और मॉडर्ना कंपनी की वैक्‍सीन को मिली सफलता से कई देशों को उम्‍मीद बंधी है। इसमें भारत भी शामिल है। ये वैक्‍सीन एमआरएनए आधारित हैं जो जलवायु भौगोलिक स्थितियों रख-रखाव व उपयोग की दृष्टि से भारत के लिए भी अनुकूल होंगी।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 09:21 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 07:40 AM (IST)
जानें, फाइजर की कोरोना वैक्सीन कैसे है भारत के लिए लाभकारी, 95% तक है कारगर, तीसरे चरण का परीक्षण भी सफल
भारत के लिए अनुकूल होंगी फाइजर और मॉडर्ना कंपनी की वैक्‍सीन (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली (जेएनएन)। कोरोना वायरस के खिलाफ अमेरिकी बायोटेक कंपनी मॉडर्ना व फाइजर-बायोएनटेक की सफलता भारत के लिए बेहद मददगार साबित हो सकती है। फाइजर की वैक्सीन 95 फीसद कारगर साबित हुई है और उसने तीसरे चरण के परीक्षण को भी बंद कर दिया है, जो सफल रहा है। खास बात यह है कि एमआरएनए आधारित ये वैक्सीन जलवायु, भौगोलिक स्थितियों, रख-रखाव व उपयोग की दृष्टि से भारत के लिए भी अनुकूल होंगी।

loksabha election banner

दौड़ में आगे

भले ही मॉडर्ना व फाइजर-बायोएनटेक ने वैक्सीन के तीसरे चरण के अध्ययन में मिली सफलता के अंतरिम परिणामों की घोषणा कर दी हो, लेकिन 10 और ऐसी वैक्सीन हैं, जिनके तीसरे चरण का परीक्षण जारी है। फाइजर की वैक्सीन 95 व मॉडर्ना की 94.5 फीसद प्रभावी पाई गई। अगर विस्तृत अध्ययन में परिणाम 90 फीसद से ज्यादा रहता है तो ये वैक्सीन उतनी ही प्रभावी मानी जाएंगी, जितनी खसरा वैक्सीन। इस प्रकार ये वैक्सीन यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के 50 प्रतिशत प्रभाव वाले मानक को पार कर जाएंगी। चूंकि अब तक के परीक्षण में इन वैक्सीन के प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखे गए हैं, इसलिए दोनों कंपनियां आगामी सप्ताह में आपातकालीन प्रयोग के लिए आवेदन कर सकती हैं। अमेरिका ने दोनों वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक का ऑर्डर दे दिया है। फाइजर तो कनाडा, ब्रिटेन व जापान से इतर यूरोपीय यूनियन को भी 30 करोड़ खुराक उपलब्ध कराने पर सहमत है।

अलग नजरिया : दोनों वैक्सीन में वास्तविक कोरोना वायरस की जगह सिंथेटिक जेनेटिक मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया है। इसे मैसेंजर आरएनए यानी एमआरएन कहा जाता है, जो रोग प्रतिरोधी प्रणाली को कोरोना वायरस से लड़ने के लायक बनाती है। टीकाकरण के बाद मरीज की कोशिकाएं कोरोना वायरस की स्पाइक प्रोटीन को मथने लगती हैं। इस प्रकार ये रोग प्रतिरोधी प्रणाली को सतर्क करते हुए उसे असली वायरस से लड़ने के लिए उत्तेजित करती हैं। इस प्रणाली से दूसरे रोगों की वैक्सीन के विकास का काम भी चल रहा है, लेकिन उनमें से किसी को अभी तक हरी झंडी नहीं मिली है। दोनों वैक्सीन का निर्माण एक ही सिद्धांत पर किया गया है, इसके बावजूद उनमें कुछ अंतर भी हैं। मॉडर्ना वैक्सीन का अपेक्षाकृत उच्च तापमान पर भंडारण किया जा सकता है। यह पहलू वैक्सीन के वितरण में अहम भूमिका निभाएगा। खासकर कम आय और गर्म जलवायु वाले देशों में।

ऑक्सफोर्ड की भी संभावना बढ़ी : भारत ने पहले से ही विभिन्न सप्लायरों के जरिये वैक्सीन की 1.6 अरब खुराक को आरक्षित कर लिया है, लेकिन नए अध्ययन के परिणाम सरकार को दूसरी जगहों के लिए भी सोचने को मजबूर करेंगे। जिन वैक्सीन निर्माताओं के साथ भारत का करार हुआ है, उनमें ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन सबसे ज्यादा भरोसेमंद है। मॉडर्ना व फाइजर के अध्ययन परिणाम भी इसके पक्ष में हैं। हालांकि, इनकी तकनीक अलग हैं, लेकिन तीनों कोशिकाओं को प्रोटीन पैदा करने के लिए प्रेरित करती हैं जिससे रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के अंतरिम परिणाम भी जल्द आ सकते हैं। अगर सफलता मिलती है तो वैक्सीन का वितरण भी साल के अंत तक शुरू हो सकता है। 

डीएनए: यह नाभिक में प्रोटीन के लिए निर्देश इकट्ठा करता है।

एमआरएनए: यह प्रोटीन तैयार करने के लिए कोशिकाओं के अस्थायी निर्देशों का एक समूह है। इसका निर्माण डीएनए के इस्तेमाल से होता है।

प्रोटीन: यह कोशिकाओं की जरूरत के अनुरूप काम करते हुए जीवन का आधार तैयार करता है। इसका निर्माण एमआरएनए के इस्तेमाल के जरिये होता है।

संग्रह व वितरण आवश्यकताएं : फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्नासंग्रह व परिवहन तापमान -70 डिग्री सेल्सियस

कब तक कारगर: 5 दिन रेफ्रिजरेटर तापमान पर, 30 दिन रेफ्रिजरेटर तापमान पर व 12 घंटे तक कमरे के तापमान पर

खुराक : तीन सप्ताह में दो खुराक, चार सप्ताह में दो खुराक 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.