अपने क्षेत्र के दौरे पर दवा लेकर निकलता है ये विधायक, सेवा भाव के कायल हैं लोग
लुंड्रा के अधिकांश ग्रामीण इलाके अब भी पहुंचविहीन हैं। ऐसे में डा. प्रीतम बारिश के दिनों में भी नदी-नाले पार कर इलाज करने जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचते हैं तो पेड़ के नीचे या शासकीय भवन के परिसर में तख्त या चारपाई पर सारी दवाइयां रख देते हैं।
बिलासपुर, अनंगपाल दीक्षित। डाक्टर साहब की भूमिका बदल गई है। अब वह विधायक हैं। लेकिन, उनका संकल्प नहीं बदला है। यही वजह है कि वह क्षेत्र के दौरे पर दवा लेकर निकलते हैं। सुदूर वनांचल में स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी है। छत्तीसगढ़ में सरगुजा जिले के लुंड्रा विधानसभा क्षेत्र के आदिवासी विधायक डा. प्रीतम राम यह बात अच्छी तरह जानते हैं।
निश्चेतना (एनेस्थीसिया) विशेषज्ञ डा. प्रीतम कई सालों तक विकासखंड चिकित्सा अधिकारी रहे हैं। उनके विधानसभा क्षेत्र के कई गांव जंगल और पहाड़ों के बीच बसे हुए हैं, जहां 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा पाना अभी संभव नहीं है, लिहाजा वह स्वास्थ्य शिविर लगा कर लोगों को राहत पहुंचाते हैं। विधायक डा. प्रीतम राम की पहचान नेता के रूप में कम और जन-जन तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने वाले प्रतिनिधि के रूप में ज्यादा है।
लुंड्रा के अधिकांश ग्रामीण इलाके अब भी पहुंचविहीन हैं। ऐसे में डा. प्रीतम बारिश के दिनों में भी नदी-नाले पार कर इलाज करने जाते हैं। अपने साथ मौसमी बीमारियों की दवा रखते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचते हैं तो पेड़ के नीचे या शासकीय भवन के परिसर में तख्त या चारपाई पर सारी दवाइयां रख देते हैं। फिर बारी-बारी से सबकी बीमारी पूछकर उपचार करते हैं। दवा देते हैं। यही वजह है कि लोग विधायक डा. प्रीतम राम को जनसमस्याओं से ज्यादा अपनी स्वास्थ्यगत परेशानियां बताते हैं। वह गंभीर मरीजों को बड़े अस्पतालों में रेफर कराने में भी योगदान देते हैं। डा. प्रीतम विधायक बनने के बाद भी अपने क्षेत्र के अस्पतालों में चिकित्सक की भूमिका में ही नजर आते हैं।
लोगों को देने को खुद के पैसों से खरीदते हैं दवा: विधायक डा. प्रीतम राम 22 वर्षो तक सरगुजा जिले के राजपुर इलाके में शासकीय सेवा में रहे। ऐसे में विभिन्न दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों से उनका अच्छा परिचय है। वह उनसे मिलने आते रहते हैं। वह उनसे मिले दवा के सैंपल ग्रामीण क्षेत्र में जाकर जरूरतमंदों के बीच बांटते हैं। वह ग्रामीण क्षेत्र में जाने से पहले खुद के खर्च से भी दवाइयां खरीदते हैं।
डा. प्रीतम राम का कहना है कि मेरा प्रथम कर्तव्य लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। गांव में लोग मौसमी बीमारियों से जकड़े रहते हैं और इलाज नहीं कराते। मैं दौरे पर जाता हूं तो दवाइयां लेकर निकलता हूं। इस दौरान चारपाई पर दवाइयां रखकर लोगों का इलाज करता हूं।
विधायक के बारे में लोगों की अलग है राय
दूरस्थ आदिवासी बहुल गांव सपड़ा-भेड़िया के रामजीत, रामेंद्र व सोनसाय बताते हैं कि डा. प्रीतम राम विधायक बाद में हैं और हमारे डाक्टर पहले। वह गांव में शिविर लगाकर अकेले इलाज करते हैं। विधायक बनने के बाद भी डाक्टर ही हैं। विधायक बनने से पहले से ही वे लोगों की चिकित्सा में जुटे हैं।