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अल्पसंख्यक आयोग ने डीजीपी से पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की विस्तृत रिपोर्ट मांगी

2 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से कई जगहों पर हिंसा की घटनाएं सामने आई थीं।इसपर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक को इस मामले में 21 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 02:51 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 06:58 AM (IST)
अल्पसंख्यक आयोग ने डीजीपी से पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की विस्तृत रिपोर्ट मांगी
अल्पसंख्यक आयोग ने डीजीपी से पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की विस्तृत रिपोर्ट मांगी

नई दिल्ली, एएनआइ। पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक को इस मामले में 21 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है। अल्पसंख्यक आयोग के अनुसंधान अधिकारी एस नजीब अहमद द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र में, एनसीएम ने शेर मोहम्मद और अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित विपक्षी दल के अन्य कार्यकर्ताओं पर चुनाव के बाद की हिंसा के बारे में रिपोर्ट की मांग की है।

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पत्र में कहा गया, 'उपरोक्त विषय पर आशुतोष झा (संयुक्त सचिव, शांति, न्याय और भ्रष्टाचार विरोधी मंच) से प्राप्त अभ्यावेदन की एक प्रति इसके साथ जोड़ते हुए और 21 दिनों के भीतर इस मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट भेजने का अनुरोध किया जाता है जिसके बाद मामले को आयोग के समक्ष विचार के लिए रखा जा सकता है।' बता दें कि 2 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से कई जगहों पर हिंसा की घटनाएं सामने आई थीं।

राज्य में लगातार हिंसा का दौर जारी है। प्रदेश भाजपा का दावा है कि चुनाव बाद हिंसा में अब तक उसके कम से कम 40 कार्यकर्ताओं व समर्थकों की जानें जा चुकी है। साथ ही बड़ी संख्या में लोग घायल हैं और हजारों लोग अभी भी हिंसा के बाद दूसरे राज्यों में शरण लिए हुए हैं। पार्टी का दावा है कि प्रतिशोध के तौर पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं व गुंडों ने हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों के घरों में भी आगजनी और तोड़फोड़ की। जिसके चलते बड़ी संख्या में लोग जान बचाने के लिए दूसरी जगह शरण लिए हैं। बता दें कि बंगाल में राजनीतिक हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। हाल में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया था।


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