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15 की उम्र में 35 साल के व्यक्ति से हुई शादी, नाबालिग ने कहा- मुझे पढ़ना है, मेरी शादी शून्य घोषित करा दो

उमरिया की इस नाबालिग की शादी सौतेले पिता ने दो साल पहले 15 वर्ष की उम्र में गुना के मुअसा गांव में 35 साल के व्यक्ति से कर दी थी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 12 Sep 2020 05:45 PM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 05:56 PM (IST)
15 की उम्र में 35 साल के व्यक्ति से हुई शादी, नाबालिग ने कहा- मुझे पढ़ना है, मेरी शादी शून्य घोषित करा दो
15 की उम्र में 35 साल के व्यक्ति से हुई शादी, नाबालिग ने कहा- मुझे पढ़ना है, मेरी शादी शून्य घोषित करा दो

अंजली राय, भोपाल। देश में बाल विवाह रोकने के तमाम कानूनों के बीच इसकी सार्थकता नजर नहीं आ रही है। चोरी-छिपे बच्चियों और किशोरियों के विवाह के मामले सामने आ ही जाते हैं। बाल विवाह की कुप्रथा की शिकार 17 साल की नाबालिग लड़की ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है। उसने चाइल्ड लाइन के सामने गुहार लगाई कि मुझे पढ़-लिखकर आगे बढ़ना है इसलिए मेरा विवाह शून्य किया जाए। चाइल्ड लाइन ने उसके आवेदन को महिला बाल विकास विभाग के जिला बाल विवाह निषेध अधिकारी और बाल कल्याण समिति को भेज दिया है। अब लड़की के आवेदन पर फैसला कोर्ट करेगा।

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सात दिन बाद ही छोड़ दिया ससुराल

उमरिया की इस नाबालिग की शादी सौतेले पिता ने दो साल पहले 15 वर्ष की उम्र में गुना के मुअसा गांव में 35 साल के व्यक्ति से कर दी थी। वह शादी के बाद केवल सात दिन ही ससुराल में रही और फिर मायके आ गई। जब वापस नहीं गई तो ससुराल वालों ने उसे भेजने के लिए घर वालों पर दबाव बनाया। सौतेले पिता ने जब उसे भेजना चाहा तो नाबालिग ससुराल नहीं जाने की जिद पर अड़ गई। घर के बाकी सदस्यों ने भी उसका साथ दिया। कुछ दिन बाद वह मां और भाई के साथ भोपाल आ गई। यहां वह कपड़े की दुकान पर नौकरी कर खुद भी पढ़ाई कर रही है और भाई को भी आइटीआइ में पढ़ा रही है। मां भी दूसरों के घरों में खाना बनाकर घर चलाने में मदद कर रही है।

इस साल पास की दसवीं की परीक्षा

नाबालिग लड़की ने इस साल दसवीं की परीक्षा अच्छे नंबरों से पास की है। अब उसका एक ही लक्ष्य है खुद भी पढ़ना और भाई को भी पढ़ाना। बाल विवाह को लेकर उसका कहना है कि दो साल से वह शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी लेकिन अब वह इस बंधन से आजाद होना चाहती है।

भोपाल स्थिति चाइल्ड लाइन की डायरेक्टर अर्चना सहाय ने बताया कि नाबालिग लड़की ने हिम्मत का काम किया है। हमारे पास इस तरह का पहला मामला आया है, जब किसी ने इस तरह से बाल विवाह शून्य घोषित कराने की मांग की है।

सेवानिवृत्त न्यायाधीश रेणु शर्मा ने कहा कि बाल विवाह अपराध की श्रेणी में आता है। इसमें विवाह करवाने वाला भी अपराधी होता है। पूरी जांच प्रक्रिया के बाद इस तरह का मामला कोर्ट में शून्य घोषित हो जाता है। 


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