महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने राज्यों से बच्चों में गंभीर कुपोषण का पता लगाने को कहा
मंत्रालय ने कहा राज्य सरकारें कुपोषित बच्चों का पता लगाने के लिए एक अभियान शुरू करेंगी और जरूरत पड़ने पर उन्हें अस्पतालों और आयुष केंद्रों में रेफर करेंगी। राज्य सरकारें यह काम जिला पोषण समिति द्वारा स्वीकृत कार्य योजना के अनुरूप करेंगी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को पत्र लिखकर सभी मुख्य सचिवों को बच्चों में गंभीर कुपोषण का पता लगाने को कहा है। मंत्रालय ने जरूरत पड़ने पर कुपोषित बच्चों को अस्पतालों और आयुष केंद्रों में रेफर करने तथा इस पूरी प्रक्रिया को 31 जनवरी तक पूरी करने को कहा है।
मंत्रालय ने कहा, राज्य सरकारें कुपोषित बच्चों का पता लगाने के लिए एक अभियान शुरू करेंगी और जरूरत पड़ने पर उन्हें अस्पतालों और आयुष केंद्रों में रेफर करेंगी। राज्य सरकारें यह काम जिला पोषण समिति द्वारा स्वीकृत कार्य योजना के अनुरूप करेंगी। यह पूरी कवायद 31 जनवरी, 2021 तक पूरी की जानी है।
अनिवार्य रूप से पोषण ट्रैकर को लागू करने का निर्देश
मंत्रालय ने दिशा-निर्देश साझा करते हुए यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया कि पूरक पोषण कार्यक्रम लाभार्थियों तक तय समय-सीमा में पहुंचे। मंत्रालय ने सभी राज्यों को पूरक पोषण के वितरण में पारदर्शिता, प्रभावशीलता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य रूप से पोषण ट्रैकर को लागू करने के लिए कहा है।
पिछले महीने समझौता ज्ञापन पर किए गए थे हस्ताक्षर
वहीं, कुछ महीनों पहले पोषण अभियान के तहत कुपोषण को नियंत्रित करने के लिए नई दिल्ली में आयुष मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके तहत कुपोषण को नियंत्रित करने के लिए समय पर खरे उतरे और वैज्ञानिक रुप से सिद्ध आयुष आधारित समाधानों पर काम करने का मास्टर प्लान तैयार किया गया था।
समझौते के अनुसार महीने में एक बार आंगनवाड़ी केंद्रों का आयुष की टीमों द्वारा दौरा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को जागरुक बनाने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के समन्वय में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ आयुष चिकित्सा अधिकारियों की बैठक की जाएगी।