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भारत में ही हथियारों के निर्माण में सक्षम हो गए तो देश की काफी पूंजी बचेगी: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे यह बतलाते हुए खुशी हो रही है कि हमने पहली बार 101 आइटम्स की ऐसी सूची निकाली है जो अब हम इंपोर्ट नहीं करेंगे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 05:21 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 05:21 PM (IST)
भारत में ही हथियारों के निर्माण में सक्षम हो गए तो देश की काफी पूंजी बचेगी: राजनाथ सिंह
भारत में ही हथियारों के निर्माण में सक्षम हो गए तो देश की काफी पूंजी बचेगी: राजनाथ सिंह

नई दिल्ली, एएनआइ। रक्षा क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर’ होने की दिशा में भारत ने 101 तरह के हथियार, तोप, एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर, राइफल और समुद्री-जहाज के आयात पर रोक लगा दी है। रक्षा मंत्री ने आज कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' का विजन, इस महामारी के कठिन समय में, न केवल आर्थिक वृद्धी के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि उससे कहीं अधिक हमारे आत्मविश्वास को बढ़ाने का एक विजन है। राजनाथ सिंह ने कहा कि अगह हम भारत में चीजों (हथियार) के निर्माण में सक्षम हो गए तो देश की काफी पूंजी बचेगी। इस बची हुई पूंजी से रक्षा से जुड़े देश के लगभग 70000 एमएसएमई को प्रोत्साहित किया जा सकेगा।

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रक्षा मंत्रालय के DDP, DPSUs & OFB द्वारा, मिलकर शुरू किए जा रहे 'आत्मनिर्भर भारत सप्ताह' के उद्घाटन के अवसर पर, आप सबके बीच उपस्थित होकर मुझे बड़ी खुशी हो रही है। इस सप्ताह के दौरान होने वाली सभी गतिविधियाँ, इंडिजिनस डिफेंस प्रोडक्शन को बढ़ावा देंगी।

बड़े और क्रिटिकल तनकीनिक वाले हथियार सिस्टम भी हैं शामिल

रक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे यह बतलाते हुए खुशी हो रही है कि हमने पहली बार 101 आइटम्स की ऐसी सूची निकाली है जो अब हम इंपोर्ट नहीं करेंगे। इस सूचि को हम नेगेटिव लिस्ट कहते हैं जिसमें सिर्फ छोटी आइटम्स ही नहीं बल्कि बड़े और क्रिटिकल तकनीक वाले हथियार सिस्टम भी हैं।

रक्षा मंत्री के मुताबिक, इस निर्णय से स्वदेशी डिफेंस इंडस्ट्री को करीब चार लाख करोड़ के कांट्रेक्ट मिलने का अनुमान है, जिसमें 30 लाख करोड़ थलसेना, 1.30 लाख करोड़ वायुसेना और 1.40 लाख करोड़ नौसेना के लिए हो सकता है।

गौरतलब है कि रक्षा मंत्री की ओर से की गई घोषणा के अनुसार करीब सौ हथियारों और रक्षा उपकरणों का निर्माण अब देश में ही किया जाएगा। इस फैसले से हर चीज का आयात करने की प्रवृत्ति पर लगाम लगने के साथ ही अगले छह-सात साल में हथियार और रक्षा उपकरण बनाने वाले स्वदेशी उद्योग को करीब चार लाख करोड़ रुपये के ठेके मिलेंगे। 


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