भारत औरंं चीन के बीच गलवन क्षेत्र और हॉट स्प्रिंग्स में सैन्य स्तरीय वार्ता जारी
चीन के सैन्य जमावड़े को लेकर विवाद सुलझाने के लिए भारत और चीन पूर्वी लद्दाख के गलवन घाटी क्षेत्र और हॉट स्प्रिंग्स में ब्रिगेड कमांडर और बटालियन कमांडर स्तरीय वार्ता कर रहे हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। चीन के सैन्य जमावड़े को लेकर विवाद सुलझाने के लिए भारत और चीन पूर्वी लद्दाख के गलवन घाटी क्षेत्र और हॉट स्प्रिंग्स में ब्रिगेड कमांडर और बटालियन कमांडर स्तरीय वार्ता कर रहे हैं। सैन्य सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच लगातार कई दौर की वार्ता जारी रहने से कई और स्थानों पर दोनों देशों की सेनाएं सीमित रूप से पीछे हटी हैं। उन्होंने बताया कि छह जून को सैन्य कमांडरों के बीच बातचीत और उसके बाद कई दौर की वार्ता के बाद दोनों देशों की ओर से कोई बड़ा सैन्य जमावड़ा नहीं किया गया है।
सीमित रूप से पीछे हटी हैं दोनों देशों की सेनाएं
इसके अलावा चीन के आक्रामक रुख में भी नरमी आई है। दोनों सेनाओं के बीच बातचीत शुरू होने के बाद से दोनों देशों के जवानों के आमने-सामने आने की भी कोई घटना नहीं हुई है। दोनों सेनाओं के बीच सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता में उन्होंने पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 (गलवन क्षेत्र), पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 और हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र पर वार्ता करने पर सहमति व्यक्त की थी।
अपने जवानों को दो से ढाई किमी पीछे हटा चुकी है चीनी सेना
इससे पहले चीनी सेना पूर्वी लद्दाख के गलवन घाटी, पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 और हॉट स्प्रिंग्स में अपने जवानों को दो से ढाई किमी पीछे हटा चुकी थी। भारतीय पक्ष ने भी अपने कुछ जवानों और वाहनों को इन इलाकों में पीछे हटाया है। सूत्रों ने बताया कि इन प्वाइंट्स पर बटालियन स्तर की वार्ता हो रही है और समकक्षों ने हॉटलाइन पर भी वार्ता की थी।
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अतिक्रमण को लेकर बने गतिरोध का समाधान निकालने के लिए भारत और चीन के बीच बातचीत का दौर लंबा चलेगा। वार्ताओं के इस दौर को सीमा पर बटालियन और ब्रिगेड स्तर के साथ स्थानीय कमांडर स्तर पर ही अंजाम दिया जाएगा। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के स्तर पर पिछले गुरुवार को भी वार्ताओं का दौर चला, मगर विवाद का हल निकाले जाने की किसी रूपरेखा पर सहमति नहीं बन पायी है।
पिछले दिनों भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि 6 जून को दोनों देशों के कोर कमांडरों की चुशूल-मोल्डो क्षेत्र में बैठक हुई थी। इस बैठक में भारत व चीन के शिखर नेतृत्व के मार्गदर्शन के अनुरूप हालात का जल्दी समाधान निकालने पर सहमति बनी।