श्रीनगर हेलीकॉप्टर हादसे में अफसरों के खिलाफ कार्रवाई पर सैन्य अदालत की रोक
इस मामले में वायु सेना के दो अधिकारियों (ग्रुप कैप्टन एसआर चौधरी और विंग कमांडर श्याम नेथानी) को कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में दोषी पाया गया था।
नई दिल्ली, एएनआइ। सेना की एक अदालत ने श्रीनगर हेलीकॉप्टर हादसे में वायु सेना के दो अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। पिछले साल बालाकोट हवाई हमले के अगले दिन यह हादसा हुआ था।
पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर 14 फरवरी, 2019 को हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी को तड़के पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी ठिकाने पर हमला किया था। उसके अगले दिन पाकिस्तानी वायुसेना के लड़ाकू विमान भारत की सीमा में घुस आए थे। उसी समय भारतीय वायु सेना का हेलीकॉप्टर श्रीनगर में अपने बेस पर लौट रहा था। वायु सेना ने गलती से इसे दुश्मन देश का हेलीकॉप्टर समझ लिया और उसे मार गिराया था। इसमें दो पायलट समेत छह वायु सैनिक शहीद हो गए थे।
प्रधान पीठ में दी गई थी चुनौती
इस मामले में वायु सेना के दो अधिकारियों (ग्रुप कैप्टन एसआर चौधरी और विंग कमांडर श्याम नेथानी) को कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में दोषी पाया गया था। इन्होंने सशस्त्र बल न्यायाधिकरण की प्रधान पीठ में इसे चुनौती दी थी। सैन्य अदालत ने प्रथम दृष्टया कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में नियमों के उल्लंघन की दलील मानते हुए 30 सितंबर तक दोनों अफसरों के खिलाफ किसी भी तरह की अनुशासनात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है।