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अब ज्‍यादा दिनों का मेहमान नहीं है कोविड-19, वापस पटरी पर लौटने लगी है जिंदगी

भारत में कोविड-19 के मरीजों की संख्‍या जरूर अधिक दिखाई दे रही है लेकिन इसके खात्‍मे को लेकर लोगों की उम्‍मीदें अब पहले से कहीं ज्‍यादा बढ़ गई हैं। अन्‍य देशों की तुलना में भारत औसतन इससे कम प्रभावित हुआ है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 07:45 AM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 07:28 AM (IST)
अब ज्‍यादा दिनों का मेहमान नहीं है कोविड-19, वापस पटरी पर लौटने लगी है जिंदगी
कोविड-19 की वजह से लगे लॉकडाउन में हजारों लोग अपने घर चले गए थे। अब इनकी वापसी हो रही है।

नई दिल्‍ली (जेएनएन)। भले ही भारत समेत दुनियाभर में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही हो, लेकिन लोगों की उम्मीद मजबूत हुई है कि अब यह महामारी ज्यादा दिनों की मेहमान नहीं है। सरकार की तरफ से अनलॉक-4 की घोषणा के बाद ज्यादातर दफ्तर, संस्थान व प्रतिष्ठान खुल गए हैं और वहां उपस्थिति भी बढ़ी है। पांच महीने पहले कोरोना के कारण गांव-घर का रुख करने वाले वाले प्रवासी कामगार अब काम पर लौटने लगे हैं। लोगों की मांग बढ़ने के कारण अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन करना पड़ रहा है। पेट्रोल व डीजल की खपत में वृद्धि हुई है और अर्थव्यवस्था भी रफ्तार पकड़ने लगी है। यूं कहें कि जिंंदगी अब पटरी पर लौटने लगी है।

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काम पर लौटने लगे प्रवासी

देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद प्रवासी कामगारों ने अपने गांव-घर का रुख कर लिया था। उद्योग-धंधों में कामकाज की शुरुआत के साथ ही प्रवासी कामगार लौटने लगे हैं। आलम यह है कि भुवनेश्वर-अहमदाबाद साप्ताहिक ट्रेन में 23 सितंबर तक कोई जगह नहीं है। विशाखापत्तनम से कोरबा, गुवाहाटी, बेंगलुरु, हावड़ा व तिरुचिरापल्ली जाने वालों की भीड़ को देखते हुए विशेष ट्रेन चलाई गई। बिहार व उत्तर प्रदेश से दिल्ली, मुंबई, गुजरात व अन्य औद्योगिक शहरों के लिए चलाई जाने वाली ट्रेनें फुल जा रही हैं।

350 स्पेशल ट्रेनों का संचालन

यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे फिलहाल 310 स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर रहा है। ट्रेनों में बढ़ रही भीड़ व यात्रियों की मांग को देखते हुए रेलवे ने आज यानी 21 सितंबर से 40 स्पेशल ट्रेनों के संचालन की घोषणा की है। खास बात यह है कि इनमें से 24 ट्रेनें बिहार से रवाना होकर दिल्ली, अहमदाबाद, सूरत, बेंगलुरु, सिकंदराबाद व अमृतसर जाएंगी, जबकि एक जोड़ी ट्रेनें वाराणसी व बलिया से रवाना होंगी।

रफ्तार भरती अर्थव्यवस्था

सितंबर के पहले पखवाड़े में अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार इस वर्ष सितंबर के शुरुआती सात दिनों (1-7) में 6.12 अरब डॉलर मूल्य का निर्यात किया गया, जो पिछले वर्ष समान अवधि के मुकाबले 13.35 फीसद अधिक है। 8-14 सितंबर के दौरान 6.88 अरब डॉलर का निर्यात हुआ। यह पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 10.73 फीसद ज्यादा है।

बढ़ी बिजली खपत

सरकारी कंपनी पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (पोस्को) के अनुसार सितंबर के पहले पखवाड़े में बिजली उत्पादन पिछले वर्ष की उसी अवधि के सापेक्ष 1.6 फीसद बढ़ा है। दो प्रमुख औद्योगिक राज्यों गुजरात और महाराष्ट्र में सितंबर के पहले पखवाड़े के बिजली की खपत में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले क्रमश: 6.2 व 4.3 की वृद्धि हुई है।

पेट्रोल-डीजल की खपत में भी इजाफा

सितंबर के पहले पखवाड़े में पेट्रोल, डीजल, विमान ईंधन व एलपीजी की खपत में ठीकठाक इजाफा हुआ है। चालू माह में 965 हजार टन से ज्यादा पेट्रोल की खपत हो चुकी है, जबकि गत वर्ष सितंबर में 945 हजार टन की खपत हुई थी। अगस्त के मुकाबले सितंबर के पहले पखवाड़े में ही पेट्रोल की खपत 7.1 फीसद ज्यादा हो चुकी है। 15 सितंबर तक 2125 हजार टन डीजल की खपत हो चुकी है, जबकि पिछले साल इसी माह में 2255.7 हजार टन की खपत हुई थी। हालांकि, इसी साल अगस्त के मुकाबले चालू माह में 19 फीसद ज्यादा डीजल की खपत हो चुकी है। विमान ईंधन की बात करें तो चालू माह में 124.4 हजार टन की बिक्री हुई है, जबकि पिछले साल सितंबर में 307.8 हजार टन की खपत हुई थी। हालांकि, अगस्त के मुकाबले चालू माह में विमान ईंधन की खपत 15.2 फीसद ज्यादा हो चुकी है। लिक्विड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) की खपत पिछले साल सितंबर में 1005.6 हजार टन थी, जिसके मुकाबले चालू माह के पहले पखवाड़े में 1132.7 टन की बिक्री हो चुकी है।

संक्रमण दर कम, रिकवरी रेट में दम

विशाल और घनी आबादी वाला देश भारत कोविड-19 से मजबूती से मुकाबला कर रहा है। देश में संक्रमण की दर रूस, अमेरिका और स्पेन के बाद सबसे कम है। प्रति सौ लोगों का टेस्ट कराने पर भारत में सिर्फ 8.50 लोग ही संक्रमित पाए जाते हैं। वहीं रूस में यह दर 2.58, स्पेन में 6.12 और अमेरिका में 7.19 है। दूसरी ओर भारत में रिकवरी रेट 79 से अधिक हो चुकी है। प्रति दस लाख पर मौतें भारत मेंं सबसे कम हैं।  

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