लॉकडाउन की आशंका में महाराष्ट्र से लौट रहे लोग, कहा- मुंबई की हालत ठीक नहीं, घर आकर ही मिला चैन
महाराष्ट्र के मुंबई सहित अन्य राज्यों से कई ट्रेनें प्रवासियों को लेकर बिहार और उप्र पहुंची। घर पहुंचकर जहां उनके चेहरे पर सुकून दिखा वहीं उनकी बैचेनी बता रही थी कि महाराष्ट्र में हालात बेकाबू हैं और व्यवस्था पूरी तरह बेपरवाह।
जागरण टीम, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच प्रवासियों में अपने-अपने गृह राज्यों में लौटने के लिए भगदड़ मची है। सोमवार को महाराष्ट्र के मुंबई सहित अन्य राज्यों से कई ट्रेनें प्रवासियों को लेकर बिहार और उप्र पहुंची। घर पहुंचकर जहां उनके चेहरे पर सुकून दिखा, वहीं उनकी बैचेनी बता रही थी कि महाराष्ट्र में हालात बेकाबू हैं और व्यवस्था पूरी तरह बेपरवाह।
सोमवार को मुंबई से कई ट्रेनें बिहार पहुंचीं। अकेले पटना के लिए सात ट्रेनें आई। कुर्ला-पटना एक्सप्रेस से पहुंचे यात्रियों ने बताया कि मुंबई में हालात बेकाबू है और व्यवस्था बेपरवाह। ऐसे में अपने घर का ही आसरा है और भविष्य में परदेस जाने का इरादा नहीं। अब यही पर रोजी-रोजगार का बंदोबस्त करेंगे। कंधे पर बैग, मुंह पर मास्क लगाए मधुबनी के संतोष कुमार सोमवार सुबह मुंबई से आने वाली ट्रेन से पाटलिपुत्र स्टेशन पर उतरे। कोरोना जांच के बाद बाहर साथी जगदीश का इंतजार कर रहे थे। बताते है कि कोरोना ने कमर तोड़ दी। पिछले साल की तरह इस बार फिर मुंबई में संक्रमण चरम पर है। अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं। घंटों लाइन में लगने के बाद जांच होती है। लॉकडाउन का एलान नहीं किया गया, लेकिन हालात उसके जैसे ही हैं।
ट्रेन में टिकट नहीं, बस में सीट नहीं
कल्याण से लौटे जगदीश और मो. अकबर वहां कपड़े की फैक्ट्री में काम करते थे। पिछले साल दिसंबर में कंपनी ने उन्हें बुलाया था। किराया भी मिला था, लेकिन मार्च के अंतिम सप्ताह से कोरोना के मामलों की बढ़ोतरी और सरकारी की कड़ी गाइडलाइन से फैक्ट्री ने काम से छुट्टी कर दी। दो-तीन जगह काम के लिए प्रयास किया, लेकिन काम नहीं मिला। अब जो स्थिति है, उससे लोगों में डर है कि लॉकडाउन लगेगा। हालात बदतर होंगे। अभी तो ट्रेनें चल रही हैं, इसलिए हम गांव के लिए निकल आए। आगे परिस्थितियों के हिसाब से निर्णय लिया जाएगा। महाराष्ट्र से लौटने वाले अधिसंख्य लोगों की कहानी कुछ ऐसी ही है।
उप्र में भी लौट रहे
दोपहर में प्रयागराज जंक्शन पहुंची स्पेशल ट्रेन से बड़ी संख्या में प्रवासी उतरे। भदोही के रमेश यादव ने बताया कि मुंबई में हालात लगातार खराब हो रहे हैं। कामकाज बंद हैं। ऐसे में वहां रुकना मुश्किल था। हालात और खराब होंगे, यही सोचकर लौट रहे हैं। निजी बैंक कर्मी जौनपुर निवासी प्रदीप पाठक भी लाकडाउन व पाबंदियां बढ़ते देख घर लौटने का फैसला किया। कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर भी स्पेशल ट्रेन से बड़ी संख्या में प्रवासी उतरे। भीड़ के कारण शारीरिक दूरी तार-तार हुई। गोरखपुर स्टेशन पर हर रोज लौट रहे प्रवासियों का औसत छह हजार है। मुंबई से औसतन रोज आधा दर्जन ट्रेनों से करीब 15 हजार यात्री टिकट बुक करा रहे हैं। कंफर्म टिकट न मिलने से बहुत से यात्री जुर्माना देकर यात्रा पूरी कर रहे हैं। वहीं, फ्लाइट से आने वालों की संख्या भी करीब 1200 रही।