हेलीकॉप्टर सौदे का बिचौलिया बना गवाह
वीवीआइपी हेलीकॉप्टर सौदे के प्रमुख बिचौलिये जी राल्फ हश्के और इटली के अभियोजन पक्ष के बीच समझौता हो गया। इसके तहत वह वादा माफ गवाह बनने को तैयार हो गया है। माना जा रहा है कि इससे मामले की सुनवाई तेजी से होने में मदद मिलेगी। एक अन्य घटनाक्रम में मिलान की अदालत में सुनवाई के दौरान यह तथ्य सामने आया ि
नई दिल्ली। वीवीआइपी हेलीकॉप्टर सौदे के प्रमुख बिचौलिये जी राल्फ हश्के और इटली के अभियोजन पक्ष के बीच समझौता हो गया। इसके तहत वह वादा माफ गवाह बनने को तैयार हो गया है। माना जा रहा है कि इससे मामले की सुनवाई तेजी से होने में मदद मिलेगी। एक अन्य घटनाक्रम में मिलान की अदालत में सुनवाई के दौरान यह तथ्य सामने आया कि हश्के ने इस सौदे के दूसरे बिचौलिये कार्लोस गिरोसा को यह कहा था कि जांच में जूली त्यागी (तत्कालीन वायुसेना प्रमुख के चचेरे भाई) को कोई खतरा नहीं है। क्योंकि उन्हें नकदी दी गई थी।
इतालवी अभियोजकों के साथ हुए समझौते के तहत अब हश्के को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार के लिए एक साल व 10 महीने के लिए नजरबंद रहने अथवा सामुदायिक सेवा करने की सजा मिलेगी। मिलान की अदालत में आगामी 11 अप्रैल को एक न्यायाधीश इस समझौते को अनुमोदित करेंगे। इतालवी कानून के अनुसार इस समझौते का मतलब यह नहीं होता कि किसी आरोपी ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। बहरहाल अगर न्यायाधीश ने इस समझौते को अनुमोदित कर दिया तो हेलीकॉप्टर सौदे में रिश्वतखोरी के मामले में यह पहली सजा सुनाई जाएगी। अगस्ता वेस्टलैंड नामक कंपनी के साथ हुए 3600 करोड़ रुपये के इस हेलीकॉप्टर सौदे को गत वर्ष 31 दिसंबर को भारत सरकार ने रद कर दिया था। इस बीच, एक दिन पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ गियूसिपी ओरसी का नोट भी रखा गया। इसमें उन्होंने अपने वकीलों को इटली के तत्कालीन प्रधानमंत्री मारियो मोंटी को इस मामले में भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बात करने के लिए कहने के निर्देश दिए थे।
इस नोट के संबंध में पूछे जाने पर इतालवी पुलिस मार्शल और इस मामले के जांच अधिकारी डी वेनेरे ने कहा कि नोट में लिखा गया एपी शब्द अहमद पटेल के लिए हो सकता है। गूगल पर उन्हें एपी सर्च करने में यही नाम मिला। पुलिस अधिकारी ने नोट में एफएएम का मतलब त्यागी परिवार से है। हश्के ने पूछताछ के दौरान यह कबूला था।
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