गृह मंत्रालय ने छह DANICS अधिकारियों को दी चेतावनी, कहा- लक्षद्वीप जाकर ज्वाइन करें नहीं तो होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई
MHA to six DANICS officers इन अधिकारियों में संदीप कुमार मिश्रा श्रवण बगरिया शैलेंद्र सिंह परिहार सिंगरे रामचंद्र महादेव नितिन कुमार जिंदल और राकेश कुमार को तुरंत केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) प्रशासन को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लक्षद्वीप प्रशासन में तुरंत ज्वाइन करने में विफल रहने पर दिल्ली सरकार के साथ काम कर रहे छह डैनिक्स (DANICS) अधिकारियों के खिलाफ बिना किसी संदर्भ के अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि ये अधिकारी लक्षदीप में जाकर पोस्टिंग ज्वाइन करें नहीं तो उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय का यह नया आदेश 20 मई को आया है। जब चेयरपर्सन मंजुला दास की अध्यक्षता वाली केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) की पीठ ने फैसला सुनाया कि लक्षद्वीप में स्थानांतरित करने के मंत्रालय के फैसले को चुनौती देने वाले छह दानिक्स अधिकारियों के आवेदनों में कोई योग्यता नहीं थी।
इन अधिकारियों में संदीप कुमार मिश्रा, श्रवण बगरिया, शैलेंद्र सिंह परिहार, सिंगरे रामचंद्र महादेव, नितिन कुमार जिंदल और राकेश कुमार को तुरंत केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) प्रशासन को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। इन अधिकारियों को शुरू में पिछले साल नवंबर में तबादला आदेश दिया गया था, जिसके बाद अधिकारियों ने कैट का रुख किया था।
फरवरी में उन्हें फिर से उनकी नई पोस्टिंग में शामिल होने के लिए एक रिमाइंडर दिया गया, लेकिन उसे भी नजरअंदाज कर दिया गया क्योंकि मामला कैट के समक्ष लंबित था।
केंद्र शाशित प्रदेश लक्ष्द्वीप में रिपोर्ट करने का दिया गया था आदेश
हालांकि, 20 मई को कैट के 23-पृष्ठ के आदेश के बाद मंत्रालय ने अधिकारियों को 'स्टैंड रिलीविंग' आदेश जारी किए, जिसमें उन्हें तुरंत केंद्र शासित लक्षद्वीप को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया था। इसने उन्हें अपनी ज्वाइनिंग रिपोर्ट की एक प्रति अग्रेषित करने के लिए कहा, जिसमें विफल रहने पर उसने चेतावनी दी कि नियमों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई बिना किसी संदर्भ के शुरू की जाएगी।
डैनिक्स की ट्रांसफर पालिसी
कैट में सुनवाई के दौरान एडिशनल सालिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने बेंच का ध्यान डैनिक्स की ट्रांसफर पालिसी के एक क्लाज की ओर दिलाया। इस खंड में कहा गया है कि नीति में कुछ भी शामिल होने के बावजूद, गृह मंत्रालय को प्रशासनिक आधार पर किसी भी समय किसी भी अधिकारी को किसी भी घटक में स्थानांतरित या पोस्ट करने का पूर्ण अधिकार है, यदि यह आवश्यक हो।
मंत्रालय ने कहा कि इन मामलों को निपटाने की अनिवार्य आवश्यकता है (स्थानान्तरण पर रोक को हटाना) क्योंकि बड़े जनहित के लिए अधिकारियों को बाहरी क्षेत्रों में शामिल करना आवश्यक है।
कैट की प्रधान पीठ ने अपने आदेश में कहा कि यह कानून का तय प्रस्ताव है कि एक सरकारी कर्मचारी पोस्टिंग के स्थान पर रिपोर्ट न करके तबादला आदेश की अवज्ञा नहीं कर सकता है और फिर अपनी शिकायतों को व्यक्त करने के लिए अदालत में जा सकता है। साथ ही कहा कि यह उसका कर्तव्य है कि वह पहले उस काम के लिए रिपोर्ट करे जहां उसका तबादला हुआ है और बाद में एक अभ्यावेदन देना है कि उसकी व्यक्तिगत समस्याएं क्या हो सकती हैं, जो कि तत्काल मामले में नहीं की गई हैं।
Edited By Dhyanendra Singh Chauhan