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इंफाल, चेन्नई और रांची में NIA की तीन अतिरिक्त शाखा स्थापित करने के लिए गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी

इंफाल चेन्नई और रांची में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की तीन अतिरिक्त शाखा स्थापित करने की मंजूरी मिल गई है। इन तीनों जगह किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए स्थापित किया जाएगा। गृह मंत्रालय की तरफ से इस निर्णय को हरी झंडी दी गई है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 08:25 AM (IST)Updated: Tue, 29 Sep 2020 08:41 AM (IST)
इंफाल, चेन्नई और रांची में NIA की तीन अतिरिक्त शाखा स्थापित करने के लिए गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी
इंफाल, चेन्नई और रांची में NIA की तीन अतिरिक्त शाखा स्थापित होगी।

नई दिल्ली, एएनआइ। इंफाल, चेन्नई और रांची में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की तीन अतिरिक्त शाखा स्थापित की जाएगी। गृह मंत्रालय (MHA) ने इसकी मंजूरी दे दी है। मणिुपर के शहर, इंफाल, तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई और झारखंड की राजधानी रांची में  किसी भी प्रकार की स्थिति से तुरंत निपटने के लिए एनआइए की तीन अतिरिक्त शाखा को स्थापित किया जा रहा है। 

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एनआइए की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस फैसले से देश की प्रमुख राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा संबंधित राज्यों में किसी भी उभरती हुई स्थिति पर त्वरित मदद मिलेगी। यह आतंकवाद से संबंधित मामलों और अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामलों की जांच में एनआइए की क्षमता को मजबूत करेगा। यह ऐसे अपराधों से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी और साक्ष्य के समय पर संग्रह की सुविधा भी प्रदान करेगा।

एनआइए की 9 शाखाएं

बता दें कि वर्तमान में एनआइए की 9 शाखाएं हैं, जो गुवाहाटी, मुंबई, जम्मू, कोलकाता, हैदराबाद, कोच्चि, लखनऊ, रायपुर और चंडीगढ़ में स्थित हैं। इसके अलावा नई दिल्ली में विशेष ब्रांच है।

जानें क्या है एनएनआइ

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency)देश में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत सरकार द्वारा स्थापित एक संघीय जांच एजेंसी है। यह केन्द्रीय आतंकवाद विरोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी के रूप में अपना कार्य करती है। इसके साथ ही एजेंसी राज्यों से विशेष अनुमति के बिना राज्यों में आतंक संबंधी अपराधों से निपटने के लिए मजबूत है। 31 दिसम्बर 2008 को भारत की संसद द्वारा पारित अधिनियम राष्ट्रीय जांच एजेंसी विधेयक 2008 के लागू होने के साथ अस्तित्व में आई थी।

साल 2008 में मुंबई हमले के बाद इस एजेंसी को स्थापित किया था।  क्योंकि इस घटना के पश्चात आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक केंद्रीयएजेंसी की जरूरत महसूस की गई थी।  इसके संस्थापक महानिदेशक राधा विनोद राजू थे जिनका कार्यकाल 31 जनवरी 2010 को समाप्त हुआ गया। इनके बाद यह कार्यभार शरद चंद्र सिन्हा ने संभाला लिया है।


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