चीन से समझौते पर बोला विदेश मंत्रालय, जब कुछ बताने को होगा तो बताएंगे, सैनिकों की वापसी की खबरों पर टिप्पणी से इनकार
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत-चीन के बीच पिछले हफ्ते कोर कमांडर स्तर की वार्ता में स्पष्ट गहन और रचनात्मक बातचीत हुई जिसमें एलएसी पर गतिरोध वाले सभी स्थानों से सैनिकों की वापसी पर विचार-विमर्श हुआ है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि भारत-चीन के बीच पिछले हफ्ते कोर कमांडर स्तर की वार्ता में स्पष्ट, गहन और रचनात्मक बातचीत हुई जिसमें लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले सभी स्थानों से सैनिकों की वापसी पर विचार-विमर्श हुआ। साथ ही दोनों पक्षों ने सैन्य और कूटनीतिक माध्यमों से वार्ता और संवाद बनाए रखने पर सहमति जताई।
हालांकि मंत्रालय ने उन खबरों पर टिप्पणी करने से परहेज किया जिसमें कहा गया था कि दोनों पक्ष गतिरोध वाले स्थानों से सैनिकों को वापस बुलाने की योजना पर काम कर रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि जब कुछ बताने को होगा तो बताया जाएगा। सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पिछले दौर की सैन्य वार्ता के बाद भारतीय और चीनी सेना की ओर से जारी संयुक्त बयान का हवाला भी दिया।
श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों पक्ष जल्द ही एक और दौर की वार्ता के लिए सहमत हुए हैं। नौवें दौर की सैन्य वार्ता अगले कुछ दिनों में होने की संभावना है। दरअसल, सूत्रों के हवाले से खबर है कि भारत-चीन के बीच जिन प्रस्तावों पर बातचीत हो रही है उसके मुताबिक पैंगोंग झील इलाके में इस साल अप्रैल-मई के बाद बने सभी नए ढांचों को दोनों पक्ष ध्वस्त करेंगे। देपसांग के मैदानी इलाकों के मुद्दे पर दोनों देश अलग से बातचीत करेंगे जहां चीन ने भारतीय सेना के कुछ गश्त स्थलों को अवरुद्ध कर दिया है।
मालूम हो कि दोनों देशों के बीच चुशुल में छह नवंबर को कोर कमांडर स्तर की आठवें दौर की बातचीत हुई थी। इसमें विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव और मिलिट्री आपरेशंस महानिदेशालय के ब्रिगेडियर घई ने भी हिस्सा लिया था। दोनों देशों ने इस वार्ता के बारे में संयुक्त बयान जारी कर कहा था कि कोर कमांडर स्तर की आठवें दौर की बातचीत बहुत ही खुल कर, विस्तार से और सकारात्मक बातचीत हुई है।