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भारत ने पांच मई से एक भी वैक्सीन विदेश नहीं भेजी, RTI के जवाब में विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी

सूचना के अधिकार (आरटीआइ) कानून के तहत मांगी गई जानकारी में केंद्र सरकार ने सोमवार को बताया कि पांच मई से कोरोनारोधी वैक्सीन के निर्यात और मदद के रूप में विदेश भेजने पर पूरी तरह रोक लागू है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 31 May 2021 07:36 PM (IST)Updated: Mon, 31 May 2021 11:41 PM (IST)
भारत ने पांच मई से एक भी वैक्सीन विदेश नहीं भेजी, RTI के जवाब में विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी
पांच मई से कोरोनारोधी वैक्सीन के निर्यात और मदद के रूप में विदेश भेजने पर पूरी तरह रोक लागू है।

पुणे, आइएएनएस। सूचना के अधिकार (आरटीआइ) कानून के तहत मांगी गई जानकारी में केंद्र सरकार ने सोमवार को बताया कि पांच मई से कोरोनारोधी वैक्सीन के निर्यात और मदद के रूप में विदेश भेजने पर पूरी तरह रोक लागू है। पुणे निवासी कार्यकर्ता प्रफुल्ल सारदा के सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी देने के साथ पांच मई तक 95 देशों को विभिन्न श्रेणियों में निर्यात किए गए टीकों का विवरण भी दिया है।

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एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में, घरेलू उत्पादन और राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ही दूसरे देशों को आपूíत (निर्यात) शुरू की जाएगी।

उल्लेखनीय दुनिया भर को भारत से भेजी गई वैक्सीन से देश में टीकों का संकट पैदा होने पर पिछले दिनों हंगामा मच गया था। इस मुद्दे पर कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना, आम आदमी पार्टी, वाम और अन्य विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की जमकर खिंचाई की।

सारदा ने कहा कि बुनियादी निर्यात आंकड़ों को छोड़कर सरकार ने कई अन्य संबंधित सूचनाओं पर चुप्पी साध रखी है। उदाहरण के लिए, केंद्र ने कहा है कि टीकों के निर्यात पर फैसले लेने के लिए यदि किसी तरह की समिति बनी थी तो उसके पास समिति के सदस्यों, बैठकों के विवरण वगैरह नहीं है। यह काफी रहस्यमय है। किस मंत्रालय ने वास्तव में बड़े पैमाने पर दान या निर्यात के लिए निर्णय लिया, खासकर तब जब कम से कम दो प्रमुख मंत्रालय, स्वास्थ्य और विदेश मंत्रालय, इस प्रक्रिया में सीधे शामिल हो सकते थे।

जवाब में बताया गया कि निर्यात और अनुदान में देने के लिए टीके, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अनुमति से सीधे कंपनियों से खरीदे गए। हालांकि जवाब में यह बात नहीं बताई गई कि इतना महत्वपूर्ण फैसला किसके आदेश पर लिया गया खास तौर से तब जब देश कोरोना से बुरी तरह पीडि़त था।

बकौल सारदा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, केंद्र ने 47 देशों को अनुदान के रूप में 107.15 लाख टीके मुफ्त दिए हैं। 26 देशों को वाणिज्यिक दरों पर 357.92 लाख डोज दी गर्ई। कोवैक्स कार्यक्रम के तहत अन्य 47 देशों को 198.63 लाख टीके बेचे गए। कुल मिलाकर 6.637 करोड़ डोज दूसरे देशों को दिए गए।

जवाब के अनुसार केंद्र ने पुणे की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया से कोविशील्ड की एक डोज 200 रुपये प्लस जीएसटी और भारत बायोटेक से कोवैक्सीन 295 रुपये प्लस जीएसटी के हिसाब से खरीदी थी। 31 मई (सोमवार) तक, भारत ने विभिन्न स्वीकृत श्रेणियों के तहत कुल 21,31,54,129 लोगों को टीका लगाया है, जिनमें उनकी दूसरी खुराक भी शामिल है।


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