Move to Jagran APP

झूठ बोल रहा ड्रैगन, विदेश मंत्रालय ने किया साफ, पूरी तरह नहीं हुई चीनी सैनिकों की वापसी

विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता अनुराग श्रीवास्‍तव ने बताया है कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सभी इलाकों से चीनी सैनिकों की वापसी अभी पूरी नहीं हो पाई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 06:53 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 08:22 AM (IST)
झूठ बोल रहा ड्रैगन, विदेश मंत्रालय ने किया साफ, पूरी तरह नहीं हुई चीनी सैनिकों की वापसी
झूठ बोल रहा ड्रैगन, विदेश मंत्रालय ने किया साफ, पूरी तरह नहीं हुई चीनी सैनिकों की वापसी

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। पूर्वी लद्दाख में स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन पूरी तरह से चालबाजी में उतर आया है। एक तरफ तो उसने अपने सैनिकों को वापस नहीं बुलाया है लेकिन दूसरी तरफ यह दावा कर रहा है कि अधिकांश जगहों से सैनिकों की वापसी हो गई है। चीन का यह भी दावा है कि एलएसी पर अब हालात सामान्य हो रहे हैं। भारत ने गुरुवार को चीन का दोहरा चरित्र उजागर करते हुए बताया कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सभी इलाकों से चीनी सैनिकों के वापसी की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो पाई है। भारत ने चीन से इस मामले में गंभीरता से प्रयास करने को भी कहा है। 

loksabha election banner

सैनिकों की वापसी सुनिश्चित करे चीन 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी को लेकर कुछ प्रगति हुई है लेकिन वापसी प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच शीघ्र ही मुलाकात होनी है ताकि आगे का रास्ता निकाला जा सके। हम पहले ही यह कह चुके हैं कि सीमा पर अमन शांति ही द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत बनाने की सबसे अहम शर्त है। हमें उम्मीद है कि चीनी पक्ष गंभीरता से काम करेगा और पूर्व में विशेष प्रतिनिधियों के बीच बनी सहमति के मुताबिक पूरी तरह से सैनिकों की वापसी सुनिश्चित करेगा।'

झूठ बोल रहा चीन 

असल में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि हाल ही में भारत और चीन के बीच सैन्य व कूटनीतिक स्तर पर कई चरणों में विमर्श हुआ है। इसके तहत कमांडर स्तर पर चार चरणों की, सीमा विवाद सुलझाने पर स्थापित विशेष व्यवस्था के तहत तीन चरणों और दूसरी व्यवस्थाओं के तहत भी बैठकें हुई हैं। ज्यादातर स्थानों से दोनो पक्षों की सेनाएं फ्रंट लाइन से वापस हो चुकी हैं। हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं। अभी भारत और चीन पांचवीं कमांडर स्तर की बातचीत की तैयारी में हैं। हमें उम्मीद है कि दोनों पक्षों की तरफ से शांति स्थापित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

मामले को लंबा खींचने में जुटा ड्रैगन 

दोनों पक्षों के बयान को देखें तो साफ हो जाता है कि चीन पूरे मामले को बहुत तवज्जो नहीं दे रहा है। जानकार मान रहे हैं कि चीन सुनियोजित तरीके से पूरे मामले को लंबा खींचने में जुटा हुआ है। यही वजह है कि वह दिखाना चाहता है कि हालात नियंत्रण में हैं। वैसे दोनों देशों के बीच आगे का रास्ता निकालने के लिए अगले दौर की सैन्य वार्ता की तैयारी चल रही है। संकेत इस बात के हैं कि इस बार चीनी अतिक्रमण का मामला लंबा चलेगा। 

भारतीय सेनाएं भी सतर्क 

भारतीय सेनाएं चीन की इस रणनीति से बखूबी वाकिफ हैं। सेनाओं ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (Line of Actual Control) पर चीन की किसी भी हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी कर ली है। पूर्वी लद्दाख में सैन्य तनातनी के लंबा खींचने के संकेतों को देखते हुए सेना सीमा पर 35 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती करने जा रही है। वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है।

नया एलएसी निर्धारित करने में जुटा चीन 

जानकारों का कहना है कि चीन की तरफ से पैंगोंग लेक, गोगरा, हॉट स्पि्रंग, गलवन वैली और देसपांग में नया एलएसी निर्धारित करने की कोशिश हो रही है। यही वजह है कि 4 मई, 2020 को उसने जितना अतिक्रमण किया है उससे थोड़ा पीछे हट गया है लेकिन वास्तविक तौर पर वह अभी भी एलएसी के काफी भीतर है। अगर वह इसी स्थिति पर रहता है तो पिछले साढ़े चार दशकों से जो हिस्सा एलएसी का माना जा रहा था वह अब बदल जाएगा। भारतीय सैन्य दल जितनी दूर तक सैन्य पैट्रोलिंग कर रहे थे वह दायरा भी काफी सिमट जाएगा। यही वजह है कि भारत की तरफ से मई, 2020 से पहले वाली स्थिति कायम करने पर बात हो रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.