LAC से सैनिकों की पूरी तरह वापसी के लिए भारत के साथ गंभीरता से काम करे चीन : विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने चीन को साफ शब्दों में कहा है कि उसे सीमा पर तनाव घटाने और सैनिकों की पूरी तरह वापसी के लिए भारत के साथ गंभीरता से काम करना चाहिए।
नई दिल्ली, एजेंसियां। चीन को पूर्वी लद्दाख में टकराव के सभी बिंदुओं से अपनी सेनाओं को हटाने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। सीमा पर एकतरफा तरीके से यथास्थिति को बदलने की कोशिश उसे नहीं करनी चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को यह बात कही। श्रीवास्तव ने कहा है कि दोनों पक्षों को तनाव कम करने पर ध्यान देना चाहिए और तनाव बढ़ाने वाली किसी भी गतिविधि से बचना चाहिए।
उन्होंने बताया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने पिछले तीन हफ्ते में पैंगोंग झील के उत्तरी व दक्षिणी किनारों पर तीन बार उकसावे वाली हरकत की है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर 45 साल में पहली बार गोलियां चली हैं। श्रीवास्तव ने कहा, 'चीनी पक्ष को जल्द से जल्द सीमा पर तनाव करने के लिए गंभीरता से कदम उठाना चाहिए। हम उम्मीद करते हैं कि चीन एलएसी का सम्मान करेगा और एकतरफा तरीके से यथास्थिति को बदलने का दोबारा प्रयास नहीं करेगा।'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों के बीच मॉस्को में हुई मुलाकातों में सहमति बनने का भी जिक्र किया। श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों पक्षों में एलएसी पर स्थिति सामान्य करने पर सहमति बनी है। उन्होंने चीनी कंपनी झेनहुआ डाटा द्वारा 10 हजार से ज्यादा भारतीयों की जासूसी के मामले का भी जिक्र किया।
अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में नेशनल साइबर सिक्योरिटी को-ऑíडनेटर की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है, जो 30 दिन में जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी। श्रीवास्तव ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने इस मसले को चीन के समक्ष भी उठाया है। आरोप है कि इस कंपनी ने देश के कई बड़े राजनेताओं की जासूसी की है। इस बीच, चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा है कि झेनहुआ एक निजी कंपनी है और इसका चीन सरकार से कोई लेनादेना नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा कि हमारा फिलिस्तीन (Palestinian cause) को पारंपरिक समर्थन है। हम दो राज्य समाधान की स्वीकार्यता के लिए वार्ता बहाली की उम्मीद करते हैं। हम इज़राइल, यूएई, बहरीन और अमेरिका के बीच अब्राहम अकॉर्ड के साथ हैं। भारत ने हमेशा पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता का समर्थन किया है। हम संबंधों की बहाली के लिए इन समझौतों का स्वागत करते हैं।