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करतारपुर कॉरिडोर पर भ्रम पैदा कर रहा पाकिस्तान, भारत को एकतरफा फैसला मंजूर नहीं

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन एक ऐतिहासिक घटना है। पाकिस्तान की तरफ से लगातार भ्रम पैदा किया जा रहा है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 04:17 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 06:32 PM (IST)
करतारपुर कॉरिडोर पर भ्रम पैदा कर रहा पाकिस्तान, भारत को एकतरफा फैसला मंजूर नहीं
करतारपुर कॉरिडोर पर भ्रम पैदा कर रहा पाकिस्तान, भारत को एकतरफा फैसला मंजूर नहीं

नई दिल्ली, एएनआइ। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा है कि पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर को लेकर लगातार नए-नए दावे कर रहा है। दोनों देशों के बीच जो एमओयू साइन हुआ है, भारत उसी के अनुसार चलेगा।

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उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से लगातार भ्रम पैदा किया जा रहा है। कभी वह कहते हैं कि पासपोर्ट चाहिए, कभी कहते हैं की पासपोर्ट नहीं चाहिए। हमें लगता है कि उनके विदेश कार्यालय और अन्य एजेंसियों के बीच मतभेद है। हमारे पास एमओयू (MoU) है, जो बदला नहीं जा सकता और इसके अनुसार पासपोर्ट जरूरी है।

विदेश मंत्रालय कि तरफ से कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके मुताबिक करतारपुर जाने वाले तीर्थयात्रियों के पास सभी दस्तावेज होना बेहद जरूरी हैं। मौजूदा एमओयू में कोई एकतरफा संशोधन नहीं किया जा सकता है, इसके लिए दोनों पक्षों की सहमति आवश्यक है।

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के पाकिस्तान जाने को लेकर रवीश कुमार ने कहा कि करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन एक ऐतिहासिक घटना है। इस दौरान किसी एक व्यक्ति को महत्व देना कहीं से भी सही नहीं है।

बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने एक बार फिर से चिट्ठी लिखकर विदेश मंत्री एस जयशंकर से करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन में जाने की अनुमति मांगी है। चिट्ठी में कहा गया है, 'बार-बार याद दिलाने के बाद भी आपने मुझे जवाब नहीं दिया है कि सरकार ने मुझे उद्धाटन में जाने की अनुमति दी है या नहीं।'

करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक वीडियो में खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल भिंडरावाले पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम पाकिस्तान द्वारा की जा रही ऐसी हरकतों की निंदा करते हैं, जिसकी वजह से  तीर्थयात्रियों की भावना को ठेस पहुंची है। हमने इस मामले में पाकिस्तान से कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

भारत ने पाकिस्तान को साफ कर दिया है कि तीर्थयात्रा के आयोजन के दौरान किसी भी तरह के भारत विरोधी तत्वों को प्रचार-प्रसार की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। इसके अलावा भारत द्वार वीडियो से आपत्तिजनक सामग्री को हटाने की मांग की गई है।


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