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मायावती के 'नौरत्नों' पर जांच की आंच

आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर रहे सतर्कता विभाग के शिकंजे में मायावती सरकार के नौ मंत्री फंस गये हैं। सतर्कता विभाग ने इनमें तीन पूर्व मंत्रियों की जांच पूरी कर उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने और पांच पूर्व मंत्रियों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत करने के लिए शासन से अनुमति मांगी है। एक पूर्व मंत्री के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर विवेचना शुरू कर दी गयी है।

By Edited By: Published: Tue, 07 May 2013 08:41 AM (IST)Updated: Tue, 07 May 2013 08:48 AM (IST)
मायावती के 'नौरत्नों' पर जांच की आंच

लखनऊ। आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर रहे सतर्कता विभाग के शिकंजे में मायावती सरकार के नौ मंत्री फंस गए हैं। सतर्कता विभाग ने इनमें तीन पूर्व मंत्रियों की जांच पूरी कर उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने और पांच पूर्व मंत्रियों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत करने के लिए शासन से अनुमति मांगी है। एक पूर्व मंत्री के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर विवेचना शुरू कर दी गई है।

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ताजा मामला पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी का है, जिनके खिलाफ खुली जांच पूरी कर रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी गई है। सतर्कता विभाग ने अभियोग पंजीकृत करने के लिए शासन से अनुमति मांगी है। इसके पहले पूर्व सहकारिता मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा, पूर्व लोक निर्माण, सिंचाई और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय और पूर्व लघु उद्योग मंत्री चंद्रदेव राम यादव की भी खुली जांच पूरी हो गई है।

सतर्कता विभाग ने बीते दिनों इनकी रिपोर्ट शासन को सौंप कर इनके खिलाफ भी विवेचना के लिए अभियोग पंजीकृत करने की अनुमति मांगी है। पूर्व परिवहन मंत्री राम अचल राजभर के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने से सतर्कता विभाग ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और उनकी विवेचना जारी है।

पूर्व माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र, पूर्व श्रम मंत्री बादशाह सिंह और पूर्व दुग्ध राज्य मंत्री अवध पाल सिंह यादव की खुली जांच पूरी कर शासन से सतर्कता ने पहले ही अनुमति ले ली थी। इस आधार पर इनके खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर विवेचना पूरी की और अब इनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने की अनुमति मांगी गई है।

राकेश धर ने आय से 440 प्रतिशत अधिक किया व्यय

त्रिपाठी ने 2007 से 2011 के बीच अपने पद का दुरुपयोग कर आय से अधिक संपत्ति बनाई। त्रिपाठी को इस अवधि में कुल 49.49 लाख रुपये की आय हुई और उन्होंने 2.67 करोड़ रुपये व्यय किए। यह बेमेल अनुपात 440 प्रतिशत का है। इस आधार पर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी है।

चंद्रदेव राम भी बुरे फंसे

पूर्व लघु उद्योग मंत्री चंद्रदेव राम यादव के खिलाफ सतर्कता ने 2007 से 2012 के बीच के आय-व्यय की जांच की। इस अवधि में यादव द्वारा आय से 305.77 प्रतिशत अधिक व्यय पाया गया। इस अवधि में 14 लाख एक हजार 952 रुपये की कमाई हुई और उन्होंने 56 लाख 88 हजार 852 रुपये व्यय किए।

बाबू सिंह कुशवाहा ने किया पद का दुरुपयोग

उनके खिलाफ खुली जांच पूरी कर शासन से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (एक) डी (पद का दुरुपयोग), 13 (एक) ई और आइपीसी की 120 बी (षड्यंत्र) के तहत मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी गई है। सतर्कता जांच में कुशवाहा ने आय से 35 प्रतिशत ज्यादा व्यय किया है।

रामवीर उपाध्याय और उनके परिवार ने की स्टांप चोरी

पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय और उनके पूरे परिवार ने हाथरस में कुल 58 अदद जमीन हासिल की और इसमें स्टांप की चोरी की। आबादी की जमीन को कृषि में दिखाकर बैनामा कराया और बाद में पद का दुरुपयोग कर उसे आबादी में तब्दील करा दिया। शासन ने इनके खिलाफ अभियोग पंजीकृत करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है।

नसीमुद्दीन ने आय से अधिक व्यय का बनाया रिकार्ड

नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने 1997 से 2012 के बीच 69 लाख रुपये कमाए और 14 करोड़ रुपये व्यय किए। यह बेमेल अनुपात 1947 प्रतिशत है। अभी उनकी संपत्तियों का आकलन चल रहा है।

राम अचल राजभर ने लांघी भ्रष्टाचार की सारी सीमा

पूर्व परिवहन मंत्री रामअचल राजभर के खिलाफ शासन ने खुली जांच और अन्वेषण का निर्देश दिया था। सतर्कता विभाग ने साक्ष्यों का अवलोकन किया तो उनका भ्रष्टाचार प्रमाणिक मिला। अब उनके खिलाफ विवेचना चल रही है।

रंगनाथ ने ग्राम सभा की भी जमीन नहीं छोड़ी

रंगनाथ मिश्र ने अपने ग्राम समाज की भी जमीन नहीं छोड़ी। विधायक निधि में दुरुपयोग और मान्यता देने के नाम पर घूसखोरी भी प्रमाणित हुई है। उन्होंने 385 प्रतिशत आय से अधिक व्यय किया। पांच वर्ष की अवधि में उन्होंने 1.57 करोड़ रुपये कमाए और 7.61 करोड़ व्यय किए। उनके खिलाफ विवेचना पूरी हो गई है और अब इनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने के लिए अनुमति का इंतजार है।

अवधपाल ने पट्टेदारों की भी जमीन कब्जा की

पूर्व मंत्री अवधपाल सिंह यादव ने पशु चिकित्सालयों के निर्माण में भ्रष्टाचार के अलावा ग्राम सभा और पट्टेदारों की जमीन पर भी कब्जा किया। इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र दाखिल करने की अनुमति मांगी गयी है। अवधपाल की संपत्तियों का आकलन चल रहा है।

बादशाह सिंह ने तो सरकारी जमीन भी नहीं छोड़ी

पूर्व श्रम मंत्री बादशाह सिंह ने तो सरकारी जमीन भी नहीं छोड़ी। जांच पूरी कर सतर्कता विभाग ने इनके खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी है।

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